जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने छात्र नेता को दो दिनों की राहत दी है। देशद्रोह के आरोपों के कारण विश्विविद्यालय प्रशासन की तरफ से गठित उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने कन्हैया पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। कन्हैया ने इसी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
इस मामले की सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू को निर्देश दिया है कि वह छात्र नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ कम से कम दो दिनों तक कार्रवाई न करे।
जस्टिस रेखा पल्ली ने अपने आदेश में विश्वविद्यालय को कहा है कि जुर्माना जमा करने के मुद्दे पर कन्हैया कुमार के खिलाफ 20 जुलाई तक कोई कार्रवाई नहीं करे।
बता दें कि विश्वविद्यालय के पैनल ने इस मामले में उमर खालिद के निष्कासन के फैसले को भी बरकरार रखा था। उमर खालिद और कन्हैया दोनों पर फरवरी 2016 में कैंपस के अंदर कथित देशद्रोही नारे लगाने के खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी।कन्हैया के खिलाफ हाल ही में जेएनयू के पैनल ने मामले में जुर्माने की राशि को बरकरार रखा था।
2016 में जेएनयू पैनल ने उमर खालिद सहित दो और छात्रों को निष्कासित करने की सिफारिश की थी और तब के जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर 10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया था।
गौरतलब है कि 2001 संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी के मौके पर 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसी दौरान कन्हैया और उसके साथियों पर देश विरोधी नारे लगाने के आरोप लगे। पांच सदस्ययी समिति ने 13 अन्य छात्रों पर अनुशासन के उल्लंघन पर जुर्माना लगाया था।