नई दिल्ली। जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के बीच ठेठ देसी लहजे के ब्रांड एंबेसडर माने जाने वाले अवध ओझा लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी कैंडिडेट के रूप में चुनावी अखाड़े में उतार सकते हैं। अवध प्रताप ओझा चुनावी मैदान में उतारने का इशारा काफी दिन पहले कर चुके हैं। इस बीच उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ-साथ पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से भी मुलाकात करके अपनी चुनावी बयार को और हवा दे दी है।

सोशल मीडिया पर प्रतियोगी छात्र छात्राओं के बीच पापुलैरिटी का मिल सकता है फायदा
सूत्रों की माने तो भाजपा अवध ओझा पर दम लगाने के मूड में है। वह उन्हें यूपी की कैसरगंज या फिर प्रयागराज लोकसभा से चुनाव भी मैदान में उतर सकती है। सूत्रों के अनुसार कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटने की तैयारी है। बृजभूषण शरण सिंह की टक्कर का उम्मीदवार खोज रही भाजपा को अवध ओझा पर भरोसा नजर आ रहा है, क्योंकि पिछले कई लोकसभा चुनाव में तमाम सियासतदानों को पटखनी दे चुके बृजभूषण शरण सिंह को दरकिनार करके चुनाव लड़ना बीजेपी के लिए कठिन होगा। दूसरी तरफ महिला पहलवानों की यौन शोषण के आरोपों में गिरे बृजभूषण शरण सिंह को टिकट देने में भी बीजेपी को किरकिरी होने का डर सता रहा है। इसलिए ज्यादातर संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी इस बार बृजभूषण शरण सिंह को जांच पूरी होने तक चुनावी दंगल से दूर रख सकती है। सूत्रों के अनुसार बृजभूषण शरण सिंह के स्थान पर अवध ओझा पर दांव लगाने की योजना है। मूलतः गोंडा के रहने वाले अवध प्रताप ओझा सोशल मीडिया पर अपने बिंदास अंदाज को लेकर काफी पॉपुलर हैं। खासकर यंगस्टर उनका पढ़ने और समझाने का अंदाज को बहुत पसंद करते हैं। इसीलिए सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफार्म पर अवध ओझा काफी लोकप्रिय है।

 

प्रतियोगी छात्रों के गढ़ से भी उम्मीदवार बनाने की चर्चा
अगर कैसरगंज में किसी कारणवश अवध ओझा का टिकट नहीं फिट होता तो उन्हें दूसरी सीट के रूप में प्रयागराज लोकसभा क्षेत्र मिल सकता है। यहां से सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी का टिकट पार्टी काटने के मूड में है। हालांकि प्रयागराज से रीता जोशी के अलावा कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी और पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी, हरे कृष्णा शुक्ला, डॉ. एलएस ओझा जैसे कई दिग्गज दावेदारों की लाइन में लगे हैं। लेकिन इन सब पर अवध ओझा इसलिए पार्टी के लिए ज्यादा उपयोगी साबित हो सकते हैं, क्योंकि संगम नगरी प्रयागराज में पूर्व की ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी स्थापित है। और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्रों के बीच अपने पुरा छात्र रहे अवध प्रताप ओझा के प्रति खासा लगाव है। प्रतियोगी परीक्षार्थियों का गढ़ माना जाने वाला प्रयागराज अवध ओझा और बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके मोटीवेशन स्पीकर का सीट को लेकर नहीं आया बयान
सूत्रों के अनुसार बीजेपी इन्हीं दो सीटों पर अवध ओझा पर दांव लगा सकती है। हालांकि अवध ओझा चुनाव लड़ने की बात तो कह चुके हैं। बीजेपी से टिकट लेने की भी बात कह चुके हैं, लेकिन कहां से चुनाव लड़ेंगे? इस बारे में उन्होंने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। बस चुनावी रणनीतिकार चर्चाओं के माध्यम से यह उम्मीद जाता रहे हैं कि वह इलाहाबाद लोकसभा या फिर कैसरगंज से बीजेपी कैंडिडेट हो सकते हैं।

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