नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद नेता सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका को 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। यह याचिका धन शोधन के मामले दाखिल की गई थी। पिछली बार दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 17 जनवरी 2024 को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

दो महीने पहले सुरक्षित रखा गया था फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन प्रकरण में आम आदमी पार्टी नेता एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की नियमित जमानत वाली याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। उनकी सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं। अब उन्हें शीघ्र ही कोर्ट में सरेंडर करना होगा क्योकि कोर्ट ने उन्हें तत्काल सरेंडर का आदेश दिया है।  न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद 17 जनवरी 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

26 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को दी थी अंतरिम जमानत
14 दिसंबर 2023 को शीर्ष अदालत ने इसमें सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य कारणों के आधार पर दी गई अंतरिम जमानत 8 जनवरी तक बढ़ाई थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई 2023 को  सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य कारणों के आधार पर अंतरिम जमानत दी थी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले ही खारिज कर दी थी नियमित जमानत की अर्जी
सत्येंद्र जैन ने इसी में नियमित जमानत की अर्जी दिल्ली हाईकोर्ट में 6 अप्रैल 2023 को लगाई थी। वहां से याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। सत्येंद्र जैन को उनसे जुड़ी 4 कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई एफआईआर के आधार पर गिरफ्तार किया था। जैन को 6 सितंबर 2019 को सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में ट्रायल कोर्ट ने नियमित जमानत दे रखी है।

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