पत्रकार के मुताबिक अपराधी को गोली लगने की खबर के 10 मिनट के भीतर वो घटनास्थल पर था। एक्सटोर्शन केस के आरोपी को गोली तो लगी थी लेकिन घटनास्थल पर खून के निशान नहीं थे। पुलिस वाले सद्दाम को अस्पताल ले जाने के बजाए आराम की मुद्रा में दिख रहे थे। 

मौके पर पहुंचे एक पत्रकार ने जो वीडियो शूट किया उसमें पुलिस वाले जमीन पर पड़े घायल सद्दाम के पास आराम से खड़े दिख रहे हैं। एनकाउंटर गुरुवार सुबह करीब सवा पांच बजे खत्म हुआ। इसके 5 मिनट बाद ही 5 बजकर 20 मिनट पर पत्रकार ने मौके पर पहुंचने का दावा किया। उनके मुताबिक सराय काले खां के इस इलाके को दर्जन भर पुलिस वाले पुलिस वालों ने घेरा हुआ था और वो मौके पर 7 से 8 मिनट तक रहे।

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नाम ना छापने की शर्त पर पत्रकार माय नेशन को बताते हैं कि “मैं अपनी बहन और उसके दो बच्चों के साथ घटना स्थल के पास से गुजर रहा था। उस दौरान अचानक मैंने देखा कि पुलिस वालों ने इलाके को घेरा हुआ था और एक आदमी जमीन पर पड़ा हुआ था”।

पत्रकार वाला वीडियो पुलिस की फुर्ती की कलई तो खोल ही रहा है, वो ये भी दावा कर रहे हैं कि मौके पर खून के निशान थे ही नहीं। उनके वीडियो में ब्लडस्पॉट की कोई तस्वीर नहीं दिख रही है।
पत्रकार कहते हैं कि मैं मौके पर 7 से 8 मिनट तक था लेकिन मैंने वहां पर कोई एम्बुलेंस और पीसीआर वैन को पीड़ित को ले जाते हुए नहीं देखा।

पूरे मामले पर माय नेशन ने जब दिल्ली के एक पूर्व पुलिस कमिश्नर से संपर्क किया और उन्हें वीडियो दिखाया तो उनका कहना था कि उन्हें भी हैरानी हो रही है ये देखते हुए कि एनकाउंटर में जख्मी अपराधी को अस्पताल ले जाने के बजाए पुलिस वाले फोटो खिंचवा रहे हैं। ये पुलिस की तरफ से हुई इतनी बड़ गलती है कि इसपर एनएचआरी की तरफ से उनको नोटिस मिल सकता है। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर ये पुलिस अपराधी कहते हैं कि ना तो वो वीडियो में ना तो एफएसएल की टीम मौके पर दिख रही है ना ही गनशॉट का सर्कल है। ये पूर्व पुलिस कमिश्नर वीडियो में खून के निशान ना मिलने पर भी हैरानी जता रहे हैं। वो कहते हैं कि अगर किसी को गोली लगी है तो खून का बहना स्वभाविक है।

माय नेशन ने मामले पर जिले के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल से संपर्क साधा और वीडियो में दिख रहे तथ्यों को सामने रखा तो उनका कहना था कि वीडियो में खून के निशान ना दिखने की बात सही नहीं है। वीडियो 200 मीटर की दूरी से बनाया गया है, जहां पर अपराधी लेटा है। हमनें उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। जब माय नेशन संवाददाता ने उनसे ये पूछा कि अपराधी को अस्पताल कैसे पहुंचाया तो उनका जवाब था कि निश्चित तौर पर उन्हें जिला पुलिस की गाड़ी में ले जाया गया होगा। इससे ज्यादा डिटेल मेरे पास नहीं है।