पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां के मंगलसूत्र और सिंदुर लगाने को लेकर कट्टरपंथी मुसलमान तरह तरह के सवाल उठा रहे हैं। लेकिन नुसरत के लिए ये राहत की बात है कि देवबंदी उलमा इस मामले में उसके पक्ष में खड़े हो रहे हैं। उलेमाओं का कहना है कि ये नुसरत का व्यक्तिगत मामला है और इसमें किसी को दखल नहीं देना चाहिए।

कोलकाता के कारोबारी निखिल जैन से शादी करने और फिर संसद में हिंदू सुहागन महिला के रुप में सज धज कर शपथ लेने वाली टीएमसी सांसद नुसरत जहां के खिलाफ सोशल मीडिया में मुस्लिम कट्टरपंथी तरह तरह के बयान दे रहे हैं। क्योंकि मुस्लिमों का कहना है कि मुस्लिम होने कारण उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। उनके इस कदम को लेकर मुस्लिम उनकी आलोचना कर रहे हैं।

फिलहाल सोशल मीडिया पर उनके मंगलसूत्र पहनकर और सिंदूर लगाकर संसद में जाने के लेकर बहस छिड़ी हुई है। लेकिन अब देवबंदी उलेमा नुसरत के पक्ष में खड़े हो गये हैं। उलेमाओं का कहना है कि शरीयत किसी की भी निजी जिंदगी में दखल नहीं देता है और न ही इसकी इजाजत देता है। ये उनका निजी फैसला है और इसमें दखल देने की जरूरत नहीं है।

गौरतलब है कि हाल में नुसरत ने कोलकाता के कारोबारी निखिल जैन से शादी रचाई है। ये शादी भी हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हुई थी। जिसके बाद उनकी पहले से ही आलोलना हो रही थी। यहां तक कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को भी इस पर सफाई देनी पड़ी थी। ताकि मुस्लिम वोट बैंक पर कोई असर न हो।

लेकिन संसद में मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र के बाद वह कट्टरपंथियों के सीधे निशान पर आ गयी हैं। उलेमाओं का कहना है कि किसी की निजी जिंदगी में दखलंदाजी करने के लिए शरीयत इजाजत नहीं देता है। नुसरत खुद को मुसलमान समझती हैं या नहीं वह खुद जानें लेकिन किसी को कुछ कहने का अधिकार नहीं है।