भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में दो सीटें भाजपा और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई। लेकिन इस चुनाव में जहां भाजपा कांग्रेस में सेंधमारी की कोशिश कर रही थी। लेकिन कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने भाजपा को ही बड़ा झटका दे दिया। कांग्रेस को चुनाव में दो अतिरिक्त मत मिले हैं। जिसको लेकर अब भाजपा में खलबली मची हुई है और भाजपा इसकी जांच कर रही कि किसने कांग्रेस के पक्ष में मत डाला।

राज्य सभा चुनाव में कांग्रेस को दो अतिरिक्त वोट ज्यादा मिले। राज्य में कांग्रेस के 92 विधायक हैं और दिग्विजय सिंह को 57 मत जबकि फूल सिंह बरैया को 36 मत मिले। इस आधार पर कांग्रेस के खाते में 93 मत आए। वहीं कांग्रेस को एक और मत मिला, जिसे भाजपा ने निरस्त करा दिया था। चुनाव में भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया व सुमेरसिंह सोलंकी तथा कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया को हार का सामना करना पड़ा है।  चुनाव में सबसे ज्यादा 57 मत कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को मिले जबकि 56 सिंधिया को और 55 वोट सुमेरसिंह सोलंकी को मिले। वहीं बरैया के खाते में 36 मत ही आए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। राज्य में दो मतों के निरस्त होने होने के बाद एक प्रत्याशी को जीतने के लिए 52 मतों की जरूरत थी।


राज्य में भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है और बसपा और सपा विधायकों ने दावा किया है कि उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों को मत दिया है। हालांकि अभी तक  निर्दलीयों की स्थिति को लेकर स्थिति साफ नहीं है। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि कांग्रेस को एक मत निरस्त होने के बाद भी उसे अधिक मत मिले हैं। जिसको लेकर भाजपा पड़ताल करने में जुटी हुई है। हालांकि ये माना जा रहा है कि एक निर्दलीय विधायक का हो और दूसरा मत भाजपा के किसी विधायक का हो। वहीं राज्य में जीत के बाद कांग्रेस गदगद है क्योंकि पहले अटकलें लग रही थी कि भाजपा राज्य में बड़ा खेल कर सकती हैं। लेकिन चुनाव में दो अतिरिक्त मत पाकर कांग्रेस ने भाजपा को ही झटका दिया है।