असल में कांग्रेस अब राज्य में कांग्रेस की सरकार को ज्यादा खतरा नहीं दिख रहा है क्योंकि निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बच गई है और अब कांग्रेस सचिन पायलट को किसी भी हाल में नहीं रियायत देने की पक्ष में नहीं है। खासतौर से राज्य के सीएम अशोक गहलोत अब राज्य में वनमैन आर्मी बनना चाहते हैं।
जयपुर। कांग्रेस ने बागी सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद एक और झटका देने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस ने सचिन पायलट को विधायकी से अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इशके लिए राज्य के विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस भेजा है और शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने ये नोटिस विधायकों की सदस्यता खत्म करने के लिए भेजा गया है।
असल में कांग्रेस अब राज्य में कांग्रेस की सरकार को ज्यादा खतरा नहीं दिख रहा है क्योंकि निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बच गई है और अब कांग्रेस सचिन पायलट को किसी भी हाल में नहीं रियायत देने की पक्ष में नहीं है। खासतौर से राज्य के सीएम अशोक गहलोत अब राज्य में वनमैन आर्मी बनना चाहते हैं। वहीं अब राज्य के विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को नोटिस जारी कर पूछा है कि पार्टी विधायकों की दो बैठकों में शामिल न होने के कारण क्यों ने उन्हें अयोग्य घोषित किया जाए। राज्य में कांग्रेस ने सरकार को बचाने के लिए लिए सोमवार और मंगलवार दो दिन लगातार कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी। लेकिन इस बैठक में सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक शामिल नहीं हुए थे।
हालांकि इस बीच उन्हें मनाने की कोशिशें चलती रही। लेकिन पायलट ने ने साफ कर दिया था कि वह राज्य में नेतृत्व परिवर्तन चाहते हैं। हालांकि ये भी कहा जा रहा था कि पायलट अपने करीबी विधायकों को मंत्री बनाना चाहते हैं और वित्त और गृह विभाग को अपने हाथ में रखना चाहते हैं रये शर्तें उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को बता दी हैं। लेकिन कांग्रेस ने उनकी बात नहीं मानी। हालांकि एक बार फिर सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने राज्य में कांग्रेस को राजस्थान की सत्ता में वापस लाने के लिए मेहनत की है और वह भाजपा में नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नेता इन अफवाहों फैला रहे हैं। जबकि सच्चाई ये नहीं है।
Last Updated Jul 15, 2020, 3:15 PM IST