नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 75 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों में बदलने का फैसला किया है। इस योजना के पहले चरण में 58 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों में बदलने की इजाजत दी जा चुकी है तो वहीं दूसरे चरण में 39 में से 24 जिला अस्पतालों ने मेडिकल कॉलेजों के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। बाकी अस्पतालों में अभी काम चल रहा है।  सरकार का यह कदम मानव संसाधन की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही परियोजना का एक हिस्सा है। 

ऐसी खबरें हैं कि इस योजना के तीसरे चरण में 75 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों में तब्दील करने का प्रस्ताव व्यय वित्त समिति (ईएफसी) को मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है।  इसके बाद प्रस्ताव को मंत्रिमंडल को भेजा जाएगा। इस संबंध में पहले ही कैबिनेट द्वारा एक मसौदा तैयार किया जा चुका है। 

एक अनुमान के मुताबिक एक जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज बनाने में लगभग 325 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।

दरअसल दूरदराज के इलाकों में बसे लोगों तक बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से इस परियोजना की शुरुआत की गई है। 

क्योंकि ऐसा देखा गया है कि ज्यादातर मेडिकल कॉलेज देश के शहरी इलाकों में ही अवस्थित हैं। इस वजह से गांवों, आदिवासी इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पूर्ण से मुहैया करा पाना मुश्किल हो रहा है। इस योजना से पूरी तरह लागू होने के बाद पूरे देशभर में एमबीबीएस की 10,000 और एमडी की 8,000 सीटें बढ़ जाएंगी।