चंदौली: कुछ खबरें अपने आप में मिसाल कायम करती है। उत्तर प्रदेश में वाराणसी से सटे चंदौली में एक पुलिस अधिकारी के प्रयास ने आठ साल से अलग रह रहे दो दम्पतियो को मिलाया ही नहीं बल्कि दोनों परिवार के झगडे को भी समाप्त करवाया | उस पुलिस अधिकारी ने मुस्लिम समाज के सम्मानित लोगो के समक्ष अपने कार्यालय में दम्पत्तियों का निकाह पढ़वाया और उन्हें  विदा किया |

पूरा मामला कुछ इस प्रकार है। दरअसल मुग़लसराय कोतवाली क्षेत के नाथूपुर के अशफाक की शादी कोतवाली क्षेत्र के ही महमूदपुर के रईसा खातून व नाथूपुर की शबाना बेगम की शादी सैय्यद इनायतुल्लाह से एक दशक पूर्व हुई थी। जो आपस में भाई बहन भी है। लेकिन पिछले 8 वर्षों से पारिवारिक विवाद को लेकर अशफाक ने रईसा खातून को एक तलाक दे दिया । 

इस घटना के कारण दोनों परिवार में मनमुटाव शुरू हो गया है। दोनों परिवार अलग-अलग जीवन व्यतीत करने लगे। जबकि सैयद इनायतुल्लाह को एक पुत्र और अशफाक को तीन पुत्रियां भी हैं। कुछ दिनों पूर्व रईसा खातून ने इसकी शिकायत सीओ सदर त्रिपुरारी पांडे से लिखित रूप से कर कार्यवाही की मांग की। लेकिन सीओ ने इसको गंभीरता से लेते हुए दोनों परिवारों को बुलाकर काफी समझाने बुझाने का प्रयास किया । यह दौर कई दिनों तक चलता रहा और अंततः सीओ साहब का एक माह का कठिन प्रयास रंग लाया और दोनों परिवार एक हो गए | 

रविवार को सीओ कार्यालय में कुछ संभ्रांत व्यक्तियों के साथ दोनों परिवारों को समझा-बुझाकर अलीनगर जामा मस्जिद के इमाम शम्शेआलम द्वारा निकाह पढ़ा कर हंसी-खुशी दोनों परिवारों को विदा किया गया। 

निकाह पढ़ाने वाले इमाम शम्शे आलम ने बताया दो पति पत्नी के बीच पिछले 8 साल से विवाद चला रहा था | एक लड़के ने एक तलाक दे दिया था | मामला काफी गंभीर हो चुका था | सीओ सदर त्रिपुरारी पांडे जी की मेहनत रंग लाई | मैं उस वक्त बहुत भावुक हो गया जब मासूम बच्चों को देखा | अल्लाह सीओ साहब की उम्र में बरकत दे |