असल में उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में कलेक्टर प्रशांत शर्मा को मृतक भाजपा नेता के भाई का कॉलर पकड़ना का काफी महंगा पड़ा है। क्योंकि इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी और केन्द्रीय मंत्री को टवीट करना पड़ा। जिसके बाद राज्य सरकार सक्रिय हुई और सरकार ने जिलाधिकारी को उनके पद से हटा दिया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अमेठी में जिलाधिकारी को मृतक भाजपा नेता के भाई के कॉलर को पकड़ना महंगा पड़ गया है। डीएम को हटा दिया गया है और उसके जगह पर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अरूण कुमार को जिले की कमान सौंपी है। फिलहाल कॉलर पकड़ने वाले जिलाधिकारी प्रशांत शर्मा को प्रतीक्षा में रखा गया है। इस मामले में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के कूदने के बाद मामले ने राजनैतिक रंग ले लिया था। जिसके बाद राज्य सरकार पर दबाव बन गया था। वहीं स्थानीय सांसद ने भी इस मामले पर ट्वीट किया तो राज्य सरकार को कलेक्टर को हटाना पड़ा।
असल में उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में कलेक्टर प्रशांत शर्मा को मृतक भाजपा नेता के भाई का कॉलर पकड़ना का काफी महंगा पड़ा है। क्योंकि इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी और केन्द्रीय मंत्री को टवीट करना पड़ा। जिसके बाद राज्य सरकार सक्रिय हुई और सरकार ने जिलाधिकारी को उनके पद से हटा दिया है। हालांकि जिस युवक का जिलाधिकारी ने कॉलर पकड़ा था वह भी पीसीएस अफसर है।
योगी सरकार ने इस मामले के गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी का ट्रांसफर कर दिया है और उनके स्थान पर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को अमेठी का जिलाधिकारी नियुक्त किया है। आरोप है कि स्थानीय भाजपा नेता और स्थानीय सांसद के करीब नेता के बेटे की हत्या के बाद परिजनों के साथ जिले के कलेक्टर प्रशांत शर्मा ने बदसलूकी की। इसके बाद ये राजनैतिक मुद्दा बन गया था। क्योंकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राज्य सरकार को जमकर घेरा और अमेठी की जनता के साथ अन्याय बताया।
इसके बाद अमेठी के डीएम पर योगी सरकार ने गाज गिरा दी है। गौरतलब है कि अमेठी सीट कभी गांधी परिवार की हुआ करती थी। लेकिन इस बार यहां से भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने जीत दर्ज की है। लिहाजा स्थानीय मुद्दों पर यहां पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा काफी सक्रिय रहती हैं।
Last Updated Nov 14, 2019, 1:12 PM IST