नई दिल्ली- छत्तीसगढ़ में नक्सलियों में बड़ी फूट पड़ी है। फूट की वजह पिछले हफ्ते दूरदर्शन के कैमरामैन अच्यूतानंदन साहू की हत्या है। सूत्रों ने तस्दीक की है कि जिन 62 नक्सलियों ने मंगलवार को पुलिस के सामने सरेंडर किया है, उन्होंने पत्रकार और ड्यूटी पर तैनात जवानों पर हमला करने का विरोध किया था।


छत्तीसगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि "नक्सलवादियों के गुट में बड़ी दरार पड़ी है। एक ग्रुप ने पत्रकार पर हमले का विरोध किया था। वो कत्तई नहीं चाह रहे थे कि चुनावी मौसम में राज्य के तमाम इलाकों में सुरक्षाबलों के साथ घूम रहे किसी पत्रकार को निशाना बनाया जाय। जबकि दूसरा गुट दंतेवाड़ा, बस्तर और सुकमा आदि में अधिकारियों, पत्रकारों और जवानों पर हमले को लेकर बेतहाशा तरीके से आमादा था।"

अधिकारी ने यह भी बताया कि "62 नक्सली जिन्होंने सरेंडर किया है वो किसी बाहरी पर हमले के समर्थन में नहीं थे। ऐसे में घटना के बाद उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है।"

बस्तर के आईजी विवेकानंद सिन्हा ने माय नेशन को बताया कि "सरेंडर कर चुके ये नक्सली इलाके में पिछले सात सालों से सक्रिय थे। ये देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। इनके पास से हथियार बरामद हुए हैं। हम इन्हें उन इलाकों में जन कल्याणकारी कामों में लगाएंगे, जहां से ये आते हैं।"

पुलिस के मुताबिक सरेंडर करने वाले सारे 62 नक्सली तुमेराडी जनता सरकार के सक्रिय सदस्य थे। यह कुटुल इलाके के माआवादियों का संगठन है।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षाबलों को मिली सफलता पर राज्य के मुख्यमंत्री को बधाई दी है।

राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है कि "मैं राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह, डीजीपी और पुलिस को इस बड़ी सफलता पर बधाई देता हूं।"

समर्पण करने वाले नक्सली पिछले कई सालों से इलाके में हिंसक घटनाओं में शामिल थे, जिनमें आईईडी ब्लास्ट, चुनावों के बहिष्कार की धमकी देने, विकास के काम रुकवाना आदि है। 

इस बीच, पुलिस ने हिंसा का रास्ता त्याग कर सरेंडर करने वाले नक्सलियों की सराहना की है। पुलिस की तरफ से कहा गया है राज्य सरकार की तरफ से घोषित दिशा-निर्देशों के तहत इन्हे जरूरी मदद मुहैया करवाई जाएगी।