इससे पहले रेलवे ने 471 करोड़ के एक सिग्निलिंग और टेली कम्यूनिकेशन प्रोजेक्ट को भी रद्द कर चुका है और इसके निर्माण का ठेका एक चीनी कंपनी के पास था और इस कंपनी को कानपुर से दीनदयाल स्टेशन तक ट्रैक का निर्माण करना था।
नई दिल्ली। भारत के खिलाफ लगातार साजिश कर रहे चीन को भारत में लगातार झटके लग रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था में भीतर तक घुस चुके चीन को भारत में आर्थिक तौर पर झटके लग रहे हैं। वहीं भारतीय रेलवे की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई ने 10 जुलाई को सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के लिए 44 रेक बनाने के लिए जारी टेंडर निविदा को ही रद्द कर दिया है। इसे चीन के लिए बड़ी झटका माना जा रहा है वहीं टेंडर के लिए सरकार ने छह कंपनियों से बोली लगाई थी।
जानकारी के मुताबिक अब इस टेंडर प्रक्रिया में चीन की कंपनियां हिस्सा नहीं ले सकेंगी। इन टेंडर को रद्द करने के बाद नए टेंडर एक हफ्ते के भीतर आएंगे। ये टेंडर आधुनिक रेल कोच बनाने वाली सरकारी कंपनी इंटीगरेटेड कोच फैक्ट्री ने किए हैं। कंपनी देश में सेमी हाई स्पीड ट्रेन के 44 कोचों के निर्माण कर रही थी। असल में जानकारी के मुताबिक इंडियन रेलवे ने इस टेंडर को रद्द करने का फैसला उस वक्त लिया जब टेंडर के बोलीधारकों में एक चीनी कंपनी का नाम उभरा है। ये टेंडर 1500 करोड़ रुपये का है और इसमें चीन और भारत का एक संयुक्त उपक्रम प्रमुख रूप से सामने आया है।
जिसके कारण इसे रद्द कर दिया गया है। वहीं इस टेंडर प्रक्रिय में यही एक विदेशी कंपनी थी जबकि 6 कंपनियों ने बोली लगाई गई थी। फिलहाल रेलवे और देश की तमाम सरकारी मेड इन इंडिया को बढ़ावा दे रही हैं और अब नया टेंडर मेक इन इंडिया अभियान को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है और नया टेंडर एक हफ्ते के भीतर किया जाएगा। इससे पहले रेलवे ने 471 करोड़ के एक सिग्निलिंग और टेली कम्यूनिकेशन प्रोजेक्ट को भी रद्द कर चुका है और इसके निर्माण का ठेका एक चीनी कंपनी के पास था और इस कंपनी को कानपुर से दीनदयाल स्टेशन तक ट्रैक का निर्माण करना था।
Last Updated Aug 22, 2020, 7:43 AM IST