दुबई में काम कर रहा एक मुस्लिम भारतीय कामगार अपने नवजात बेटे ‘नरेंद्र दामोदरदास मोदी’ को देखने के लिए घर लौटने को बेताब है। उनका नवजात बेटा पहले से ही आस-पड़ोस के लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जो प्रधानमंत्री के नाम वाले बच्चे को देखने आ रहे हैं। 

हत्ता में रखरखाव का काम करने वाले 29 वर्षीय मुश्ताक अहमद ने कहा कि गोंडा जिले में रहने वाली उनकी पत्नी ने अपने बेटे का नाम मोदी रखने का फैसला किया क्योंकि बच्चे का जन्म उसी दिन हुआ जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचंड बहुमत के साथ दूसरी बार चुनाव जीते। 

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उन्होंने खलीज टाइम्स से कहा, 'जब मेरी पत्नी ने मुझे 23 मई को खुशखबरी सुनाने के लिए फोन किया तो मैंने पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी चुनाव जीत गए। फिर मैंने उससे कहा, 'देश में मोदी आ गये। हमारे घर में भी मोदी आए।' 

अहमद की पत्नी मेनाज बेगम के बेटे का नाम नरेंद्र मोदी रखने के विचार क‍ो उनके परिवार समेत अन्य लोगों ने बदलने की कोशिश की लेकिन वह अड़ी रही। अहमद ने भी उसे समझाने की कोशिश की लेकिन बाद में वह अपनी पत्नी की इच्छा के आगे झुक गए। 

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बच्चे के नाम को रजिस्ट्रर्ड करने के लिए परिवार ने गोंडा जिला प्रशासन के समक्ष हलफनामा दायर किया, जिसमें उन्होंने पीएम मोदी एवं उनकी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की प्रशंसा की। 

बच्चे के दादा इदरीस ने बताया कि पीएम मोदी को लेकर उनकी व्यक्तिगत आस्था है। फिलहाल उन्हें इसका डर नहीं है कि समाज क्या कहेगा। लेकिन ये हम लोगों का निजी फैसला है और इसमें कोई दखल नहीं दे सकता है। (इनपुट एजेंसी)