चुनाव आयोग की ओर से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता को पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में अनेक जगहों पर भड़काऊ भाषण देने के लिए कारण बताओ नोटिस दिए जा चुके हैं।

विवादित बयानों के लिए चर्चित समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर चुनाव आयोग ने एक बार फिर कार्रवाई की है। अधिकारियों के खिलाफ भड़काऊ बयान देने और सांप्रदायिक टिप्पणियां करने के मामले में आजम पर 48 घंटे के लिए प्रचार करने पर नई पाबंदी लगा दी।

चुनाव आयोग ने इस महीने आजम पर दूसरी बार ऐसा प्रतिबंध लगाया है। यह पाबंदी बुधवार सुबह छह बजे से प्रभाव में आएगी। इस दौरान वह कोई जनसभा, रैली या भाषणबाजी नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा कोई इंटरव्यू या राजनीतिक बयान भी नहीं दे पाएंगे। आजम ने रामपुर प्रशासन पर पक्षपात करने और जबरन कम वोटिंग कराने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि एक समुदाय को वोट करने के लिए घर से बाहर ही नहीं निकलने दिया गया, यह प्रशासन की साजिश थी। 

आजम खान ने पिछले हफ्ते रामपुर में आयोजित आंबेडकर जयंती समारोह में कहा था, 'यहां जिला प्रशासन ने लोगों को वोट नहीं देने जाने की धमकी दी। पूरे भारत में रामपुर अकेला ऐसा बदनसीब शहर है, जहां सिर्फ एक वर्ग के लोगों का वोट न पड़े इसके लिए उन पर कहर बरपाया गया, दुकानें तोड़ दी गईं और सामान लूट लिए गए।

यह भी पढ़ेंः आजम खान पर चुनाव आयोग का बैन, बेटा बोला- मुसलमान हैं, इसलिए की कार्रवाई

उन्हें पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में अनेक जगहों पर भड़काऊ भाषण देने के लिए कारण बताओ नोटिस दिए जा चुके हैं। चुनाव आयोग ने एक बार उनके बयान का उदाहरण देते हुए बताया कि सपा नेता ने कथित तौर पर कहा कि ‘फासीवादी उन्हें मारने की कोशिश कर रहे हैं।’ एक अन्य मौके पर उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुस्लिमों को मारा। उन्होंने ऐसे अनेक बयान दिए।

जया पर आपत्तिजनक टिप्पणी 

भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के लिए 72 घंटे तक प्रचार करने से रोक दिया गया था। 14 अप्रैल को रामपुर के शाहबाद में एक रैली के दौरान आजम खान ने जया प्रदा का नाम लिए बिना बेहद आपत्तिजनक बयान दिया था। आजम ने कहा था, 'उनकी असलियत समझने में आपको 17 साल लगे। मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का अंडरवेअर खाकी रंग का है।' उनके इस बयान पर महिला आयोग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी।