आतंक के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में मिली एक और बड़ी कामयाबी में राज्य पुलिस ने सेना और सीआरपीएफ के साथ मिलकर पुलवामा के खारपोरा के सिरनू इलाके में तीन आतंकियों को मार गिराया। मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया जबकि एक अन्य घायल है। यह मुठभेड़ सुबह 8:30 बजे शुरू हुई थी। मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर जहूर ठोकर भी मारा गया है। जहूर का नाम राष्ट्रीय राइफल्स के जवान औरंगजेब की हत्या में सामने आया था। मुठभेड़ के बाद लोग सड़कों पर आ गई और पत्थरबाजों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। शुरुआत में सुरक्षा बलों ने पत्थरबाजों को खदेड़ने के लिए हवाई फायर किए लेकिन पत्थरबाजी बढ़ती देख सुरक्षा बलों को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें सात पत्थरबाजों की मौत हो गई। यह आंकड़ा बढ़ने का अंदेशा है। 50 से ज्यादा पत्थरबाज घायल बताए जा रहे हैं।

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 3 आतंकियों के मौत की पुष्टि करते हुए 'माय नेशन' को बताया कि एनकाउंटर आधे घंटे तक ही चला। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकी स्थानीय है और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे। 

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मारे गए तीन आतंकियों में टेरिटोरियल आर्मी का जवान जहूर अहमद ठोकर भी है जो जुलाई 2017 में सेना से भागकर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था। इसके अलावा दो अन्य आतंकियों की पहचान अदनान वानी उर्फ हाशिम भाई और ताहिर हिज्बी के रूप में हुई है।

जहूर पुलवामा के सिरनू इलाके का ही रहने वाला था और सुरक्षा बलों को सूचना मिली थी कि वह अपने परिवार वालों से मिलने के लिए अपने दो आतंकी साथियों के साथ घर आया है।  इसी सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर  सुबह आतंक के खिलाफ ऑपरेशन शुरू किया जिसमें सुरक्षाबलों ने तीनों को मार गिराया। 

आतंकियों के साथ आधा घंटा चली इस मुठभेड़ में सेना के 2 जवान भी घायल हुए थे जिनमें से एक जवान को बचाया नहीं जा सका। बुधवार को बारामुला में भी सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था।