नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सीधे विदेश मंत्री बनाए गए पूर्व नौकरशाह एस जयशंकर ने कहा है कि दुनिया में नया संतुलन बन रहा है। चीन का उभार और कुछ हद का भारत का उभार इसके 'ज्वलंत उदाहरण’ हैं। 

किसी करियर डिप्लोमेट का ऐसे महत्त्वपूर्ण मंत्रालय का मंत्री बनना दुर्लभ मामलों में से एक है। पूर्व विदेश सचिव ने विदेश मंत्रालय का प्रभार संभालने के कुछ दिन बाद पहली बार किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। जयशंकर ने कहा कि भारत के अधिकतर लोग मानते हैं कि पिछले पांच साल में दुनियाभर में भारत का कद बढ़ा है। 

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जयशंकर ने कहा कि सरकार ने भारत में परिवर्तन की संभावना को जीवित रखा है और संभवत: इसे मजबूत ही किया है। उन्होंने 2015-18 के बीच विदेश सचिव के तौर पर सेवा दी। जयशंकर ने कहा, 'हम क्षेत्रीय संपर्क परियोजनाओं के माध्यम से क्षेत्र में नजदीकी ला सकते हैं।' 

मंत्री ने कहा, 'अगर हम आर्थिक विकास को बढ़ावा देना चाहते हैं तो भारतीय विदेश नीति पर इसके बाहरी पहलू पर ध्यान केंद्रित करने की बड़ी जिम्मेदारी है।' जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रालय पर रणनीतिक महत्व वाले कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने की बड़ी जिम्मेदारी है।