नई दिल्ली। देश में जारी कृषि सुधारों  को लेकर संसद में पारित कानूनों का असर दिखने लगा है। किसान और उपभोक्ता मंडियों के बीच किसान ट्रेनों के संचालन की पहल के बाद जिंस बाजारों का रूख बदलने लगा है। अंतरराज्यीय कारोबार शुरू होने का फायदा जहां किसानों को उनकी उपज के मूल्य  के तौर पर मिल रहा है। वहीं उपभोक्ताओं को महंगाई से निजात मिलने लगी है। इसका सीधा असर दिल्ली बाजार में में देखा जा सकता है, जहाँ दो किसान ट्रेनों में आए 500 टन से ज्यादा टमाटर ने बाजार का रूख बदल दिया है। जहां किसानों को उनकी उपज का मूल्य मिला वहीं उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर टमाटर मिल सका। जबकि बाजार में टमाटर की कीमतें 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थीं।

जानकारी के मुताबिक किसानों ट्रेनों के जरिए आ रहे उत्पादों के कारण बाजार में मूल्य कम हो रहे हैं और प्याज की कीमतें भी काबू में हैं। किसान ट्रेने चलाने का ऐलान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस साल के बजट में किया था । पांच जून को अंतरराष्ट्रीय कृषि कारोबार को अनुमति देने वाले अध्यादेश के बाद इस प्रक्रिया ने गति पकड़ी और सात अगस्त को महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर के बीच  साप्ताहिक तौर पर पहली किसान ट्रैन शुरू हुई। किसानों की जबदस्त मांग को देखते हुए इस  ट्रेन को सप्ताह में तीन दिन कर दिया गया और बिहार में मुजफ्फरपुर तक इसे बढ़ा दिया गया। यही नहीं सरकार ने इस की सफलता को देखते हुए महाराष्ट्र में इस ट्रेन लिंक कर दिया है और लिंक ट्रेन जोड़ी सोलापुर के पास अंगोला और पुणे से शुरू किया गया।

वहीं दूसरी ट्रेन ऑध प्रदेश के अनंतपुर से न्यू आदर्शनगर और दिल्ली के बीच 9 सितंबर 2020 को चली। इसका असर ये हुआ कि बाजार में जो उत्पाद ऊंची कीमत पर बेचे जा रहे थे, उनकी कीमत नीचे आने लगी। क्योंकि बाजार में बीच के लोगों ने बाजार में कीमतों को बढ़ाकर रखा था। इसके कारण कर्नाटक, उतर प्रदेश औट मध्य प्रदेश् समेत अन्य राज्यों के बीच भी जिसों का कारोबार बड़ा साथ ही किसानों उचित मूल्य मिला। फिलहाल इन ट्रेनों के प्रदर्शन को देखते हुए कई राज्यों ने किसान ट्रेनें चलाने की मांग की है।

फिलहाल आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व महाटाष्ट्र से दिल्ली, उत्तर प्रदेश औट बिहार में  जिंसों का कारोबार किया जा रहा वहीं उत्तर से दक्षिण औट पूरब से पश्चिमी राज्यों के बीच  ट्रेनों के जरिए अनार, केला, संतरा, प्याज, गौभी, अंडा, बर्फ में संरक्षित मछली, नींबू, मशरूम, अदरक, शिमला मिर्च समेत कई सब्जियों की ढुलाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, बंगाल से किसान ट्रेनें चलाने की मांग की है। फिलहाल नागपुर से दिल्ली के बीच संतरा ढुलाई के लिए विशेष तौर पर किसान ट्रेन चलाने की योजना है। बताया जा रहा है कि अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से चालू किया जाएगा।