श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को जन सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि उन्हें किसी जेल में नहीं रखा गया है। बल्कि उनकी उम्र को देखते हुए उनके घर को ही जेल में तब्दील किया गया है। असल में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य से विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद से ही अब्दुल्ला को नजरबंद रखा गया था। वहीं उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और राज्य के अलगाववादी नेताओं को भी नजरबंद किया गया है।

फारूख अब्दुल्ला राज्य में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अपने घर से ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। लिहाजा पहले केन्द्र सरकार ने चेतावनी थी। लेकिन फारूख अब्दुल्ला लगातार बयानबाजी कर रहे थे। लिहाजा अब केन्द्र सरकार ने उन्हें जन सुरक्षा प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर घर में ही बंद कर दिया है। फारूख अब्दुल्ला के साथ ही उनके बेटे भी गिरफ्तार कर नजरबंद हैं। यही नहीं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी अनुच्छेद 370 लागू करने के बाद नजरबंद हैं। पिछले दिनों लोकसभा में भी फारूख अब्दुल्ला को लेकर कई सांसदों ने मामला उठाया था।  

जानकारी के मुताबिक जन सुरक्षा प्रावधानों के तहत फारूख अब्दुला को बिना मुकदमे के छह महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है। गिरफ्तार किए जाने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के 81 वर्षीय संरक्षक फारूख अब्दुल्ला को गुपकर मार्ग स्थित उनके आवास में रखा गया है और आवास को ही जेल घोषित किया गया है। लिहाजा यहां पर जेल की तरह सख्त नियमों लागू होंगे।

फारूख अब्दुल्ला तीन बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वह केन्द्र में भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। फिलहाल वह लोकसभा सांसद हैं और राज्य के पहले व्यक्ति हैं जिन्हें इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला के पुत्र एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती तथा राज्य के कई अलगाववादी नेता पांच अगस्त के बाद से कथित हिरासत में हैं। पिछले दिनों गेस्ट हाउस में उमर और महबूबा मुफ्ती के बीच जमकर तकरार हुई थी। जिसके बाद दोनों को अलग अलग कर दिया था।