पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पांच जून को कहा था कि 'यदि प्रधानमंत्री इमरान खान को जल्द हटाया नहीं जाता है तो वह देश को ऐसी स्थिति में ले जाएंगे, जहां से हमारे लिए भी देश को चलाना मुमकिन नहीं होगा।' इस बयान ठीक पांच दिन बाद पाकिस्तान की शीर्ष भ्रष्टाचार निरोधक संस्था ने फर्जी बैंक खाता केस में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। 

इस्लामाबाद हाईकोर्ट की ओर से जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर की अग्रिम जमानत अवधि बढ़ाने की मांग करने वाली अर्जी खारिज कर दिए जाने के कुछ ही समय बाद राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) की एक टीम पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी के एफ-8 सेक्टर स्थित घर में दाखिल हुई। हालांकि, फरयाल को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

फर्जी बैंक खाता केस की जांच कर रहे एनएबी ने रविवार को दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। यह मामला धन रखने और धन को पाकिस्तान से बाहर भेजने के लिए कथित फर्जी बैंक खातों के इस्तेमाल से जुड़ा है। एनएबी के अधिकारियों के मुताबिक, दोनों ने कथित फर्जी बैंक खातों के जरिए 15 करोड़ रुपये का लेन देन किया है।

फर्जी बैंक खातों के केस में धनशोधन के पहलू को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनएबी की ओर से की जा रही जांचों के हिस्से के तौर पर जरदारी के खिलाफ इस मामले में कार्यवाई की जा रही है।

इससे पहले, पांच जून को जरदारी ने सिंध के दौलतपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, 'मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं लेकिन मौजूदा सरकार को वापस भेज देना चाहिए। अन्यथा, अधिकतर लोगों का जीवन दुखदाई हो जाएगा।' उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने हमेशा लोगों की सेवा की है क्योंकि यही 'हमारा घोषणा पत्र है और हम लोगों के दरवाजे पर जाकर उनकी सेवा करने में यकीन रखते हैं।' 

जरदारी ने आरोप लगाया था कि मौजूदा सरकार ने लोगों की नौकरियां छीन लीं हैं और महंगाई आसमान छूने लगी है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई 500 प्रतिशत तक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के लोगों पर जबरन थोपा गया है। (इनपुट एजेंसियां)