नई दिल्ली। फिलहाल कांग्रेस में शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। पार्टी के अंदर अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और गांधी परिवार के समर्थक नेताओं ने बागियों को पार्टी से बाहर करने की मांग की है। गांधी परिवार के वफादारों का कहना है कि पत्र लिखने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें पार्टी से बाहर करना चाहिए और कांग्रेस आलाकमान को फौरन सख्त रुख अपनाते हुए कड़ा संदेश देना चाहिए। हालांकि माना जा रहा है कि पार्टी के बागी नेता अपनी आगे की रणनीति बनाने के लिए जल्द एक और बैठक कर सकते हैं। वहीं कांग्रेस के भीतर अभी भी घमासान मचा हुआ है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा की ताकत को कम किया है।

इस सप्ताह कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी में दो गुट बन गए हैं। एक गुट बागी बनकर पार्टी में लोकतंत्र स्थापित कर अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने की मांग कर रहा है। वहीं गांधी परिवार का समर्थक गुट पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथ में ही देने का पक्षधर है। पार्टी के बागी खेमे के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी की अगर यही हाल रहा तो आने वाले 50 साल तक पार्टी विपक्ष में ही बैठी रहेगी।  वहीं अब गांधी परिवार समर्थकों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व जिस तरह इस विवाद से निपट रहा है, उससे असंतुष्ट नेताओं का हौसला बढ़ रहा है।

लिहाजा इन नेताओं पर कार्यवाही करनी चाहिए। इस सप्ताह सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की  बैठक में बागी धड़े ने पार्टी में पूर्ण कालिक अध्यक्ष के साथ ही ब्लाक स्तर से राष्ट्रीय स्तर पर अध्यक्ष  के लिए चुनाव कराने की मांग की थी। इसके साथ ही बागी गुट का कहना था कि कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों के लिए भी चुनाव होने चाहिए। बागियों का कहना था कि कई नेता एक ही पद पर कई सालों से जमे हुए हैं और इन नेताओं को पार्टी से बाहर करना चाहिए। इसके साथ अब कांग्रेस के बागी नेताओं का कहना है कि असंतुष्ट नेता बयानबाजी कर रहे हैं उनके खिलाफ फौरन सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

बहरहाल कांग्रेस में गांधी परिवार समर्थकों की मांग पर सोनिया गांधी ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और उपनेता आनंद शर्मा का कद कम करते हुए पांच सदस्य समिति का गठन किया है और इस समिति में गांधी परिवार के करीबी इस समिति में अहमद पटेल, जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल को जगह दी गई है। हालांकि अभी तक राज्यसभा में आजाद व आनंद शर्मा लेते थे।