बलरामपुर : देश के प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना "उज्ज्वला योजना" में बड़े घोटाले का साजिश का भंडाफोड़ हुआ है।  बलरामपुर जिले के पचपेड़वा क्षेत्र में चल रही भार्गव गैस एजेंसी ने लाभार्थियों को उज्जवला योजना से जुड़े गैस सिलेंडर न बांटकर उसे झाड़ियों में छिपा रखा था। सूचना के बाद जिला प्रशासन की टीम ने करीब 5000 सिलेंडर बरामद किए हैं इनके साथ सैकड़ों की संख्या में रेगुलेटर भी बरामद हुए हैं। 2 दिन चली जांच के बाद डीएम के आदेश पर एजेंसी मालिक समेत पांच लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

मामला पचपेड़वा थाना क्षेत्र का है यहां चल रही भार्गव गैस एजेंसी संचालक का बड़ा कारनामा उजागर हुआ है। एजेंसी संचालक ने  प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना "उज्ज्वला योजना" में ही पलीता लगा दिया। गरीब परिवारों को धुंए और बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए शुरू की गई इस उज्जवला योजना के नाम पर जारी सिलेंडरों को एजेंसी संचालक ने लाभार्थियों को ना देकर उसे झाड़ियों में छिपा रखा था। जिसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से मिलने पर जिला प्रशासन की टीम ने मौके का निरीक्षण किया और वहां मौजूद करीब सभी सिलेंडर को जप्त कर लिया।

सिलेंडरों की संख्या ज्यादा होने चलते अधिकारियों के भी पसीने छूट गए और हिसाब किताब करने में दो दिन लग गए। 2 दिन चली जांच में सिलेंडरों की कुल संख्या 4912 सामने आई है। इसके साथ ही साथ हजारों की संख्या में रेगुलेटर भी बरामद हुए हैं। 

जिलापूर्ति अधिकारी व पुलिस पूछताछ के दौरान गैस एजेंसी संचालक द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नही मिला। एजेंसी संचालक ने बताया कि उसकी दुकान में कुछ दिनों पहले आग लग गयी जिसमे तमाम जरूरी दस्तावेज जलकर खाक हो गए जिसके चलते वह कोई दस्तावेज नही दिखा सकता। 

जिलापूर्ति अधिकारी की जांच के दौरान कोई वैद्य दस्तावेज न मिलने पर डीएम के आदेश पर पचपेड़वा थाने में गैस एजेंसी संचालक सहित पांच लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है।

पूरे मामले में डीएम ने बताया कि 3 से 4 दिन पहले ज्यादा मात्रा में सिलेंडर छिपाकर रखे जाने की सूचना मीडिया के माध्यम से मिली थी। पता करने पर यह पता चला कि यह सिलेंडर भार्गव गैस एजेंसी के हैं, कुछ सिलेंडर घर के पीछे तो कुछ झाड़ियों में छिपाकर रखे गए थे। जांच के दौरान कुल 4912 सिलेंडर बरामद हुए हैं। इस संबंध में एजेंसी संचालक से पूछताछ की गई तो उसके द्वारा बताया गया कि कुछ दिन पहले उसके ऑफिस में आग लग गई थी जिसके कारण वह अभिलेख दिखाने की स्थिति में नहीं है। लेकिन इंडियन के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि एजेंसी के नाम पर जितने सिलेंडर आवंटित किए गए थे अवशेष उतने ही मिले हैं। एजेंसी संचालक के विरुद्ध 3/7 की धारा में मुकदमा दर्ज करा दिया गया साथ ही अन्य अवशेषों की जांच कराई जा रही है।