नई दिल्ली। राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट को अपने प्लेन की कॉकपिट से बाहर कर दिया है। यही नहीं सीएम गहलोत ने सहयोगियों को कैबिनेट से भी बर्खास्त किया है। वहीं राज्य में पार्टी में पायलट समर्थकों पर लगातार गाज गिर रही हैं और उन्हें पदों से हटाया जा रहा है। युवक कांग्रेस हो या फिर एनएसयूआई सभी के अध्यक्षों को हटाकर गहलोत ने पायलट को बड़ा झटका दिया है और ये जता दिया है कि अब राज्य के पायलट वही हैं और सरकार से लेकर पार्टी की कमान उनके हाथ में है। लेकिन अब सबकी नजर पायलट की आज होने वाली प्रेस कांफ्रेंस और उनकी रणनीति पर है। सवाल ये उठ रहे हैं कि वह नई पार्टी बनाएंगे या बीजेपी के साथ जाएंगे।  

राज्य में कांग्रेस की उठापटक के बीच भाजपा में बैठकों का दौर जारी है। आज राज्य में भाजपा की अहम बैठक होने जा रही है औह इस बैठक में वरिष्ठ नेता और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी मौजूद रहेंगी। भाजपा ने इस पूरे प्रकरण में राजे को उतार दिया है। फिलहाल सचिन पायलट दावा कर रहे हैं उनके साथ 30 विधायक हैं। जबकि कांग्रेस 104 विधायकों के दावे कर रही है। ऐसे में पायलट गुट चाहता है कि राज्य सरकार विधानसभा में बहुमत परीक्षण करे। अगर ऐसा होता तो गहलोत सरकार को बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि बहुमत न मिलने पर भाजपा राज्य में सरकार बनाएगी और ये सचिन पायलट के भाजपा में शामिल होने या फिर समर्थन देने के बगैर नहीं हो सकता है। 

वहीं सचिन पायलट अभी फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं। क्योंकि कांग्रेस ने उन्हें सिर्फ पदों से बाहर किया है। पार्टी से नहीं। वहीं सचिन पायलट तब तक भाजपा मे शामिल नहीं होंगे जब तक सीएम पद मिलने का भरोसा भाजपा नहीं देती है। हालांकि भाजपा ने कल कहा था कि अगर सचिन पायलट पार्टी में आते हैं तो उनका स्वागत है। हालांकि पायलट गुट ये भी जानता है कि अगर राज्य में गहलोत सरकार को वह नहीं गिरा सके तो वह भाजपा के किसी काम के नहीं रह जाएंगे और उनकी स्थिति और ज्यादा कमजोर होगी।