मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद गोवा के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले प्रमोद सावंत ने विधानसभा में बहुमत साबित करने के एक हफ्ते के भीतर अपना सियासी कौशल भी दिखा दिया। गोवा में भाजपा को समर्थन दे रहे महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन विधायकों में से दो भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही भाजपा विधायकों की संख्या 14 पहुंच गई है। विधानसभा में कांग्रेस के भी इतने ही विधायक हैं। वहीं एमजीपी के कोटे से उपमुख्यमंत्री बनाए गए सुदीन धवलीकर को कैबिनेट से हटा दिया गया है। वह भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं। चर्चा है कि सीएम प्रमोद सावंत एमजीपी से भाजपा में शामिल हुए विधायक दीपक पावस्कर को कैबिनेट में जगह दे सकते हैं। 

लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव पहली परीक्षा

पार्टी नेतृत्व का भरोसा जीतने के बाद प्रमोद सावंत के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव होंगे। भाजपा ने उत्तर गोवा और दक्षिण गोवा सीटों पर वर्तमान सांसदों क्रमश: श्रीपद नाइक और नरेंद्र सवाईकर को फिर से टिकट दिया है। कांग्रेस के विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद शिरोडा और मंद्रेम सीटों पर उपचुनाव होना है। फरवरी में विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन के बाद मापूसा सीट भी खाली है। मंद्रेम और मापूसा विधानसभा क्षेत्र उत्तर गोवा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल हैं जबकि शिरोडा क्षेत्र दक्षिण गोवा निर्वाचन क्षेत्र में आता है। लोकसभा चुनाव और तीन सीटों पर उपचुनाव 23 अप्रैल को होना है। अगर भाजपा लोकसभा चुनाव में 2014 की कामयाबी दोहराती है तो इसका श्रेय प्रमोद सावंत को जाएगा। विधानसभा उपचुनाव भी उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।

एमजीपी के विधायकों का विलय मास्टरस्ट्रोक

डिप्टी सीएम रहे धवलीकर के पास लोक निर्माण मंत्रालय का प्रभार था। गठबंधन में होने के बावजूद एमजीपी और भाजपा में कड़वाहट बढ़ रही थी। इसे तत्काल साधना सीएम प्रमोद सावंत के लिए जरूरी हो गया था। मंगलवार आधी रात को एमजीपी के विधायकों में से मनोहर अजगांवकर और दीपक पवास्कर भाजपा में शामिल हो गए। दोनों विधायकों ने स्पीकर के सामने भाजपा में विलय की अर्जी भी दे डाली। धवलीकर एमजीपी के एकमात्र विधायक हैं, जो पार्टी से अलग नहीं हुए। सीएम सावंत ने गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को भेजे पत्र में धवलीकर को हटाए जाने की सूचना दी है। सावंत ने कहा, मैंने सुदीन धवलीकर को कैबिनेट से हटा दिया है। उनकी रिक्त सीट को भरने का निर्णय शीघ्र लिया जाएगा। 

उधर, धवलीकर इस तरह पार्टी को तोड़े जाने से नाराज हैं। धवलीकर ने भाजपा में शामिल हुए दोनों विधायकों को चेतावनी देते हुए भाजपा पर भी हमला बोला। एमजीपी नेता ने कहा, 'रात को चौकीदारों ने एमजीपी पर जो डकैती डाली, उससे गोवा के लोग हैरान हैं। लोग यह देख रहे हैं। इस पर क्या करना है यह फैसला जनता लेगी।' 

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प्रमोद सांवत की ताजपोशी बड़ा संदेश

45 साल के प्रमोद सावंत को सत्ता सौंप भाजपा ने एक बड़ा सियासी संदेश दिया था। पार्टी नेतृत्व ने साफ कर दिया था कि दूसरी पंक्ति के युवाओं को आगे लाने का समय है। प्रमोद सांवत दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के भी बेहद करीब थे। पर्रिकर के मातहत अपना राजनीतिक कौशल मांझने वाले सावंत ने इसे विधानसभा में पार्टी को मजबूत कर साबित भी कर दिया है। वह संघ की अनुशासित पृष्ठभूमि से आते हैं और पार्टी के प्रति काफी वफादार माने जाते हैं। पर्रिकर जैसे लोकप्रिय नेता के निधन के बाद भाजपा प्रमोद सावंत में काफी संभावनाएं देख रही है।

गोवा का विधानसभा गणित

  • गोवा में विधानसभा की 40 सीटें हैं। इनमें से चार सीटें खाली पड़ी हैं।
  • कांग्रेस अब  तक 14 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी थी।
  • राज्य में भाजपा के 12 विधायक थे। अब यह संख्याबल 14 यानी कांग्रेस के बराबर हो गया है।
  • गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीयों के भी 3-3 विधायक थे। इनमें से एमजीपी के दो विधायक भाजपा में आ गए हैं। राज्य में एनसीपी का एक विधायक है।
  • गोवा में पर्रिकर के निधन के बाद सीएम बने प्रमोद सावंत ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीयों के 3-3 विधायकों की मदद से बहुमत साबित किया।
  • सत्ता का गणित साधे रखने के लिए पार्टी ने एमजीपी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी को डिप्टी सीएम का पद दिया।
  • एमजीपी से सुदीन धवलीकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी से विजय सरदेसाई डिप्टी सीएम बनाए गए।
  • अब सदन में भाजपा के पास विधायकों की संख्या 14 पहुंच गई है।