मुंबई। महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को लगातार झटके लग रहे हैं। पिछले दो महीने से एनसीपी के विधायक और नेता पार्टी का दाम छोड़ भाजपा और शिवसेना में शामिल हो रहे हैं। लेकिन अब पार्टी को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उन्होंने एक सीट के लिए मौजूदा विधायको को टिकट दिया, लेकिन कुछ ही समय के बाद उसने भाजपा का दामन थाम लिया।

महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज माने जाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुखिया शरद पवार को बड़ा झटका लगा है। शरद पवार ने एक  दिन पहले ही महाराष्ट्र की कैज विधानसभा सीट से विधायक नमिता मूंदड़ा को पार्टी का टिकट दिया। लेकिन उसके अगले दिन ही उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है।

हालांकि पिछले दिनों शरद पवार ने पार्टी से बगावत कर अन्य दलों में जा रहे विधायकों और नेताओं पर तंज कसा था। लेकिन मूंदड़ा का टिकट मिलने के बाद भाजपा में जाना शरद पवार के लिए राजनैतिक तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है।

वहीं एनसीपीके साथ ही कांग्रेस को भी झटका लगा है। कांग्रेस विधायक कांशीराम पवारा ने भाजपा की सदस्यता ले ली है जबकि वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता गोपीचंद पडालकर भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। कांशीराम पवारा श्रीपुर सीट से  विधायक हैं जबकि पडालकर ने सांगली से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

माना जा रहा है कि वह बारामती विधानसभा सीट से एनसीपी के दिग्गज नेता अजीत पवार के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि इशारा राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कर दिया है। उन्होंने पडालकर को शेर बताते हुए कहा कि अगर वह चाहेंगे तो उन्हें बारामती सीट से टिकट दिया जा सकता है।

वहीं बारामती को पवार का गढ़ माना जाता है। राज्य में लगातार एनसीपी और कांग्रेस के विधायक भाजपा और शिवसेना में शामिल हो रहे है। भाजपा और शिवसेना में समझौता होने के बाद चुनाव जीतने की गारंटी मानी जा रही है। वहीं कांग्रेस और एनसीपी के बीच गठबंधन हो चुका है। फिलहाल राज्य में 21 अक्टूबर को चुनाव होना है और 24 अक्टूबर को इसकी परिणाम आएंगे।