ऐसा ही एक रैकेट मलेशिया में काम कर रहा है जिसको कुछ पाकिस्तानी मलेशिया में रह रहे भारतीय एजेंटों के सहयोग से चला रहे हैं। यह भारत से मलेशिया घूमने जाने वाले लोगों से संपर्क करते हैं उनसे दोस्ती गांठते हैं और फिर देते हैं उनको अपना नंबर कि अगर आपके यहां से किसी को ऑस्ट्रेलिया या किसी अन्य देश में जाना है तो हम उसका काम करवा देंगे। उनको सिर्फ मलेशिया तक आना है।
इसके बाद शुरू होता है पाकिस्तानी एजेंटों का खौफनाक खेल। यह लोग रोजगार की तलाश में मलेशिया पहुंचे भोले-भाले भारतीय नौजवान को बंधक बना लेते हैं। इसके बाद भारत में उसके परिवार से अच्छी रकम फिरौती के रूप में मांगते हैं। अगर रकम नहीं मिली तो धमकी दी जाती है कि उसकी किडनी निकालकर बेच दी जाएगी और उसे मार दिया जाएगा। 
ऐसे ही एक रैकेट के चंगुल में फंसा हरियाणा का एक युवक। कैथल जिले के गांव जाजनपुर निवासी संजू ने विदेश जाने की चाह में पंजाब स्थित कुछ एजेंटों से सम्पर्क किया। रैकेट संजू को पहले बैंकॉक और फिर सड़क के रास्ते से मलेशिया ले गया। जहां कुछ पाकिस्तानी एजेंटों ने उसे बंधक बना लिया और परिजनों से फिरौती की मांग की, फिरौती न देने की सूरत में किडनी और शरीर के बाकी अंग निकाल कर बेचने की धमकी दी। परिजनों की शिकायत पर जिला पुलिस ने संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज किया। मलेशिया स्थित भारतीय दूतावास से आग्रह कर युवक को उनके चंगुल से छुड़वाने में मदद मांगी। इसके बाद मलेशिया की पुलिस ने कैथल पुलिस की सहायता से मलेशिया में तीनो पाकिस्तानी के चंगुल से इस नवयुवक को आजाद करवाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।    


पूरे मामले में पीड़ित युवक संजू ने सूझबूझ दिखाई और आरोपियों की चालाकी काम नहीं आई। विदेश जाने से पहले किसी अनहोनी की आशंका में संजू ने परिजनों को कोडवर्ड दिया था और कहा था कि "अगर मैं गर्मी का जिक्र करू तो समझ लेना मै खतरे में हूं। मुश्किल में संजू ने जैसे गर्मी का जिक्र किया, परिजन उसकी हालत को भांप गए। परिजनों ने एसपी से संपर्क किया। 
चूंकी इस रैकेट में और लोग भी हो सकते हैं ऐसे में पुलिस ने संजू की पहचान गोपनीय रखी है ताकि पूरे रैकेट का भंडाफोड़ किया जा सके।