नई दिल्ली: बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एएनआई से बातचीत में बताया कि ‘केन्द्रीय गृहमंत्री ने राज्य सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है। मुझे लगता है कि केन्द्र सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी। इस घटना की वजह से लोगों में बेहद नाराजगी है।’

बताया जा रहा है कि बीजेपी का झंडा लहराने की वजह से संदेशखाली कस्बे में हिंसा की शुरुआत हुई, जिसमें जमकर बंदूकों और धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया गया।  

बंगाल बीजेपी ने इस घटना के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी की तरफ से जारी एक ट्विट में कहा गया है कि ‘जैसे जैसे वह लोगों को का समर्थन खो रही हैं वैसे वैसे उनकी बेचैनी बढ़ती जा रही है। उन्हें सत्ता में बने रहने के लिए विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या कराने में भी कोई संकोच नहीं हो रहा है।’

बीजेपी ने मारे गए लोगों की पहचान प्रदीप मंडल, तपन मंडल और सुकांत मंडल के रुप में की है। प्रदीप इलाके के स्थानीय मंडल प्रमुख थे, जबकि बाकी दोनों शक्ति प्रमुख थे। इस झड़प में कयूम मुल्ला नाम के एक टीएमसी कार्यकर्ता की भी मौत हुई है। 

पिछले दिनों बंगाल में हुए जय श्री राम विवाद के बाद यह बंगाल में हुई हिंसा की बड़ी घटना है। राज्य में बीजेपी के 18 लोकसभा सीटें जीत लेने के बाद से बीजेपी बेचैन है। क्योंकि बंगाल में पिछले कुछ सालों पहले तो बीजेपी का कोई अस्तित्व नहीं था। 

आरोप है कि पिछले दिनों हुए रक्तरंजित चुनाव के बाद से यहां बहुत से बीजेपी कार्यकर्ताओं की टीएमसी के गुंडों ने हत्या कर दी। जिसमें से एक थे चंदन साह जिनकी बैरकपुर संसदीय क्षेत्र में हत्या कर दी गई। इसके कुछ दिनों पहले चकदाह इलाके में 22 साल के एक बीजेपी कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, इसका आरोप भी टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगा। हालांकि टीएमसी भी आरोप लगा रही है कि चुनाव परिणाम के बाद उसके दो कार्यकर्ताओं की बीजेपी के लोगों ने हत्या कर दी है। 

पश्चिम बंगाल में पिछले दिनों हुए पंचायत चुनाव में बीजेपी को अच्छी सफलता मिली थी। जिसके बाद से वहां हिंसा का दौर जारी है।