भारतीय वायुसेना 1.3 लाख करोड़ रुपये के लड़ाकू विमानों की डील की गति को तेज़ करने की योजना बना रही है। एयरफोर्स को दुनिया के 6 वेंडरों की तरफ से प्रस्ताव है।
110 फाइटर विमानों को अपने बेड़े में जल्द शामिल करने के लिए वेंडरों के साथ डील करने वाले देश के सरकार से सीधी बात को तेज किया जाएगा।
एयरफोर्स को 6 वेंडरों की तरफ से प्रस्ताव है जिनमें बोइंग और लॉक्हिड मार्टिन अमेरिका से, मिग-35 रूस से, स्वीडन की साब से, यूरोफाइटर एयरबस कॉन्सोटियम से और फ्रेंच राफेल शामिल हैं।
माय नेशन के सूत्रों के मुताबिक एयरफोर्स विमानों की अधिग्रण प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है। ये तभी संभव है जब भारत सरकार की उस देश की सरकार से सीधी और त्वरित बात हो जहां से विमानों की डील प्रक्रिया चल रही है।
सूत्र बताते हैं कि सरकारो की सीधी बात का लाभ ये होगा कि पहले विमान को हासिल करने की अवधि घटकर 4 साल हो जाएगी।
भारतीय वायुसेना ने दुनिया के इन तमाम वेंडरों से अनुरोध किया है कि वो विमानों से संबंधित तमाम सूचनाएं जिसमें कि विमानों की लागत आदि शामिल है बताएं। इसके साथ ही ये भू पूछा है कि भारत में इनके निर्माण की प्रक्रिया क्या होगी।
भारतीय वायुसेना में 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है जबकि मिग-21 विमानों की रिटायरमेंट के बाद ये क्षमता 31 हो गई है।
वायुसेना इस सौदे को अंतिम रूप देने के लिए जल्द से जल्द सौदा करने की उम्मीद कर रही है, नए लड़ाकू विमानों को बेड़े में जल्दी शामिल करने के लिए जिस देश से सौदा हो रहा है उसकी सरकार से बात कर समय बचाने की योजना है क्योंकि पुरानी प्रक्रिया में समय ज्यादा खर्च होगा।
आपको बता दें कि लगभग 15 सालों बाद 2015 में मोदी सरकार ने 36 रॉफेल विमानों की खरीद को मंजूरी दी ताकि वायुसेना की प्राथमिक जरूरतों को पूरा किया जा सके।
Last Updated Jul 30, 2018, 7:49 PM IST