नई दिल्ली। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस प्रतिस्पर्धी दुनिया और दिन में एक बार जीवन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों के कारण शांति और सद्भाव में रहना बहुत मुश्किल है। इस वर्तमान परिदृश्य के कारण एक बड़ी समस्या व्यक्तिगत जीवन में देखी जाती है और वह है "नींद न आना या अनिद्रा। इसके बारे में आचार्य जिज्ञासु जी आपको बता रहे हैं कि कैसे जीवन में ग्रहों को बैंसेल कर आप नींद पा सकते हैं।

आज के विषय में हम "ASTROLOGY" "AYURVEDA" "VAASTU" के माध्यम से "कैसे अपने बेहतर बनाने के लिए" जानते हैं, क्योंकि ये सभी चीजें JYOTISHA का हिस्सा हैं और एक दूसरे के साथ परस्पर जुड़ी हैं। पहले हम नींद के बारे में कुछ जानना चाहेंगे, जब हम आराम करते हैं और हम नींद में कायाकल्प अवस्था में होते हैं तो हम अपने शरीर और दिमाग को आराम देते हैं। आराम या नींद लेने की यह प्रक्रिया हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। ज्योतिष / आयुर्वेद / वास्तु के परिप्रेक्ष्य से चीजों को बेहतर नींद पाने के लिए बारीकी से देखा जाना चाहिए।

1-यदि आप नींद की कमी या नींद की कमी से पीड़ित हैं तो आपको अपने १२ वें घर के विश्लेषण के साथ-साथ अपने नैट चार्ट में ४ वें घर के साथ मिलना चाहिए क्योंकि १२ वें घर में बिस्तर सुख और नींद के साथ-साथ उप चेतन या अचेतन मन का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपके चार्ट के 12 वें और चौथे घर पर कोई भी दुःख आपके स्लीप पैटर्न में समस्या को बढ़ावा देगा। MOON ज्योतिष में मन का महत्वपूर्ण है इसलिए यदि आपके चार्ट में MOON पीड़ित है, तो आपको हमेशा अवसाद और मानसिक तनाव और समस्या देगा और चन्द्रमा के साथ-साथ नींद भी बढ़ाएगा।

2- यदि उक्त घरों में स्थित कोई भी ग्रह है, तो "विकृत" "विश्वसनीय" "खराब है तो निश्चित रूप से आपके लिए खराब नींद को बढ़ावा देगा, इसलिए इस मुद्दे पर उचित ज्योतिषीय मार्गदर्शन प्राप्त करना बेहतर है।
3-ध्यान योग (विशेषकर शैव आसन अभ्यास) आपको ध्वनि और निर्बाध नींद लेने में बहुत मदद करेगा। 4-आप एक बर्तन में पानी भर सकते हैं, और इसे अपने सिर के पास अपने बिस्तर पर रख सकते हैं (पानी को कैसे ऊर्जा दें यह जानने के लिए "STARS TELL" से संपर्क करें, यह आपकी नींद को बढ़ावा देगा। इसके साथ ही आप रात्रि सूक का पाठ कर सकते हैं। आप आचार्य जिज्ञासु जी से उनके मोबाइल नंबर 6388904040 और ईमेल आईडी ajaywinkumar@gmail.com के जरिए  संपर्क कर सकते हैं।