उत्तर प्रदेश के बहराइट में एक पिता ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए मात्र एक डंडे के सहारे जंगली तेंदुए से भिड़ गया। इंसान और आदमखोर का कुल संघर्ष पांच मिनट चला। जिसमें वह शख्स बुरी तरह घायल हो गया। लेकिन आखिरकार वह अपने बेटे की जान बचाने में सफल रहा।
बहराइच। कतर्नियाघाट संरक्षित वन्यजीव क्षेत्र में पिता पुत्र जेट्रोफा (डीज़ल बनाने वाला पौधा) काटने जा रहे थे। तभी तेंदुए ने बेटे पर हमला कर दिया। बेटे को बचाने के लिए पिता तेंदुए से भिड़ गया। लगभग पांच मिनट के तेंदुए से संघर्ष करने के पिता ने बेटे को बचा लिया, लेकिन बेटा कई जगह घायल हो गया और सिर बुरी तरह ज़ख्मी हो गया। तेंदुए से संघर्ष में पिता को भी हल्की चोटें आई, लेकिन वह खतरे से बाहर हैं।
वन विभाग का इस मामले में कहना है कि हिंसक जंगली जानवर के हमले से एक व्यक्ति के घायल होने की सूचना तो आई है लेकिन बिना जाँच के अभी यह कह पाना मुश्किल है कि वह कौन जानवर था।
कतर्नियाघाट के सुजौली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चहलवा के वनग्राम कैलाशनगर के सदर बीट के निकट पूर्व सेन्ट्रल स्टेट फार्म में लगे बायो डीजल के पौधे काटने गए गांव निवासी कृपाराम पर तेंदुए ने हमला कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। साइकिल सवार पिता और पुत्र एक दूसरे से सौ मीटर की दूरी पर थे। पिता के पीछे साइकिल सवार युवक कृपाराम पर जब तेंदुए ने हमला कर दिया तो पिता त्रियोगी नारायण डंडा लेकर दौड़ पड़ा और डंडे के सहारे अपने पुत्र के बचाव के प्रयास में जुट गया।
तेंदुए ने उसपर पर भी हमले का प्रयास किया पर त्रियोगी बालबाल बच गया। करीब पांच मिनट तक चले इस संघर्ष के बाद तेंदुआ झाड़ियों में भाग गया। ग्रामीणों ने उन्हें आनन-फानन में स्थानीय चिकित्सक के पास ले गए। सूचना वनकर्मियों को दी गई। मौके पर पंहुचे वन दरोगा मयंक पांडे ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे एम्बुलेंस द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोतीपुर इलाज के लिए भेज दिया।
Last Updated Sep 11, 2019, 6:22 PM IST