गोली और बम से क्यों इतनी “ममता”

यदि बीजेपी कार्यकर्ता की मौत की यह दावा सच साबित होता है, तो राजनीतिक हिंसा में बंगाल के  बीजेपी के सदस्य की मौत की यह तीसरी घटना होगी। इससे पहले त्रिलोचन महतो और दुलाल कुमार नाम के दो बीजेपी कार्यकर्ता फांसी पर लटके हुए पाए गए थे।  

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ममता बनर्जी के राज में पश्चिम बंगाल अराजकता की सीमाएं पार कर रहा है। यहां का पुरुलिया जिले में बम के धमाकों और गोलीबारी से थर्रा गया। मामला तो महज पंचायत चुनावों से जुड़ा हुआ था। लेकिन इसमें पश्चिम बंगाल की हिंसक राजनीति का क्रूर चेहरा दिखा।
तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच जमकर गोलीबारी हुई और जमकर देसी बम फेंके गए, जिसमें एक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत हो गई। नजारा कुछ ऐसा था जैसे यह बंगाल का पुरुलिया नहीं बल्कि आतंकवाद प्रभावित मध्य पूर्व का कोई देश हो।
पुरुलिया में पंचायत बोर्ड चुनने के लिए बैठक हो रही थी, जिसका नियंत्रण पूरे इलाके पर होता है। इसपर कब्जे के लिए खूनी संघर्ष शुरु हो गया, जिसमें निरंजन गोप नाम के एक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत हो गई। बीजेपी का आरोप है, कि उसके खिलाफ हिंसा की घटना पर बंगाल पुलिस चुप्पी साधे हुए है।
यदि बीजेपी कार्यकर्ता की मौत की यह दावा सच साबित होता है, तो राजनीतिक हिंसा में बंगाल के  बीजेपी के सदस्य की मौत की यह तीसरी घटना होगी। इससे पहले त्रिलोचन महतो और दुलाल कुमार नाम के दो बीजेपी कार्यकर्ता फांसी पर लटके हुए पाए गए थे।  
 
 

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