नई दिल्ली: पाकिस्तान के कई इलाकों में नागरिक भुखमरी से जूझने के लिए मजबूर हो रहे हैं। लेकिन फौज के समर्थन से बनी इमरान सरकार को प्राथमिकताओं में भूख से मरते उसके नागरिक नहीं बल्कि उसका जंगी जुनून है। 

आर्थिक बदहाली से जूझने के बावजूद पाकिस्तान अपनी सशस्त्र सेनाओं को निरंतर मजबूत करने के साथ-साथ परमाणु हथियारों तथा मिसाइलों के जखीरे को बढ़ाने में लगा है। रक्षा मंत्रालय की वर्ष 2018-19 के लिए जारी वार्षिक रिपोर्ट में सुरक्षा परिदृश्य अध्याय में पाकिस्तान की स्थिति का उल्लेख विशेष तौर पर किया गया है। 

इस रिपोर्ट से खुलासा होता है कि समावेशी और संतुलित आर्थिक विकास न होने के कारण पाकिस्तान की राजनैतिक स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। इमरान खान सरकार के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तानी सेना का दबदबा विदेश, सुरक्षा और रक्षा नीति के मामले में बहुत ज्यादा बढ़ गया है। 

रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट से पता चलता है कि खस्ता आर्थिक हालत के बावजूद पाकिस्तान विशेष रूप से परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाने में लगा हुआ है। इसके साथ ही अपनी मिसाइलों की क्षमता बढ़ाने में भी लगा है। 

अगर पाकिस्तान इसी गति से अपने परमाणु हथियारों को बढ़ाता रहा तो साल 2025 तक उसके पास लगभग 250 परमाणु हथियार हो जायेंगे। फिलहाल पाकिस्तान के पास 140- 150 परमाणु हथियार हैं, जबकि भारत के पास 130-140। 

खास बात यह है कि दिवालिया होने की कगार पर पहुंचा पाकिस्तान विश्व बैंक समेत सऊदी अरब और चीन से लगातार कर्ज ले रहा है। लेकिन इसके साथ साथ परमाणु हथियारों तथा मिसाइलों के जखीरे को भी बढ़ाने में लगा हुआ है। 

पाकिस्तान जिस तरह अपनी मिसाइलों और परमाणु हथियारों को हर साल बढ़ा रहा है। वह भारत के लिए खतरनाक है। क्योंकि पाकिस्तान कई बार भारत के खिलाफ परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की धमकी दे चुका है। 

एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पिछले कुछ सालों में एक नए तरह का न्यूक्लियर शस्त्र बनाने की भी कोशिश में लगा हुआ है। 

भारतीय रक्षा मंत्रालय की हाल में जारी सालाना रिपोर्ट से भी पता चलता है कि पाकिस्तान की मंशा ठीक नहीं है। वह फिर से कोई नया कुचक्र रचने में लगा हुआ है। 

प्रतिवर्ष जारी होने वाली स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की ईयर बुक के मुताबिक भारत और फ्रांस ने कुछ सालों से परमाणु हथियार बनाने का काम रोक दिया है। वहीं रूस और अमेरिका न्यूक्लियर वॉरहेड्स में कटौती कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तान और चीन अभी भी  लगातार न्यूक्लियर वॉरहेड बनाने में लगे हैं। 

बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने न्यूक्लियर वॉरहेड्स के लिए जरूरी पार्ट्स भी बनाकर अलग-अलग गुप्त ठिकानों पर रखे हुए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें तुरंत असेंबल करके इस्तेमाल किया जा सके। खबर है कि पाकिस्तान हर साल पांच से दस परमाणु हथियार बना रहा है। 

पाकिस्तान ने हमेशा से यह स्वीकार किया है कि उसने भारत से निपटने के लिए ही परमाणु बम बनाए हैं। उसके सैन्य अधिकारी और राजनेता अक्सर भारत को परमाणु युद्ध की धमकी देते रहते हैं। 

अंतरिक्ष में चक्कर लगाती हुईं दुनियाभर की कामर्शियल और सैन्य सेटेलाइट्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने अपने परमाणु बम गुप्त तरीके से उन सैन्य ठिकानों के पास छिपाकर रखे हैं, जहां उसके पास मिसाइल लॉन्चिंग या एयरफोर्स बेस की सुविधाएं हैं। 

 दो साल पहले फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स की एक रिपोर्ट ने जाहिर किया कि पाकिस्तान के पास ऐसे नौ गुप्त परमाणु ठिकाने मौजूद हैं, जो देश में अलग अलग हिस्सों में हैं। पाकिस्तान ने आमतौर पर एयरफोर्स बेस के आसपास परमाणु ठिकाने बना रखे हैं। 

दो साल पहले पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने भी कहा था कि उनके देश के परमाणु हथियार अलग-अलग जगहों  पर कड़ी सुरक्षा के बीच गुप्त तरीके से रखे हैं। 

हाल में खबर आई थी कि पाकिस्तान पंजाब प्रांत में परमाणु हथियारों के भंडारण के लिए एक तीन मंजिला विशालकाय बिल्डिंग तैयार करा रहा है। इसमें बड़े पैमाने पर परमाणु हथियार रखे जा सकेंगे। 

इसके पहले पाकिस्तान का एक गुप्त परमाणु ठिकाना बलूचिस्तान में था। लेकिन वहां अराजकता बढ़ने के बाद पाकिस्तान ने पंजाब प्रांत में नया अड्डा तैयार करना शुरु कर दिया है।