विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी कारोबार सुगमता सूची में लंबी छलांग लगाने के बाद भारत ने मोदी सरकार के कार्यकाल में एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। अब भारत संयुक्त राष्ट्र के ई-गवर्नमेंट इंडेक्स में भी शीर्ष 100 देशों में शामिल हो गया है। संयुक्त राष्ट्र हर दो साल में यह सूची जारी करता है।

भारत ने इस सूची में पिछले दो साल में 11 पायदान की छलांग लगाते हुए जगह शीर्ष 100 में जगह बनाई है। मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत की स्थिति में कुल 22 पायदान का सुधार आया है। अब भारत 96वें पायदान पर है। 2014 में भारत 118वें नंबर पर था। यह दर्शाता है कि डिजिटल तकनीक और इनोवेशन सार्वजनिक क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। इससे लोगों के रोजमर्रा के जीवन में बदलाव आ रहा है। 

संयुक्त राष्ट्र की ओर से हर दो साल में यह सर्वे जारी किया जाता है। यहां भारत ने ई-पार्टिसिपेशन सब-इंडेक्स के पहले चरण में 100% अंक हासिल किए। इसके बाद भारत को दूसरे चरण में 96.65% और तीसरे चरण में 90.91% अंक मिले। ई-पार्टिसिपेशन सब इंडेक्स में कुल 0.9551 का कुल स्कोर 193 देशों की सूची में भारत को अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष 15 देशों में शामिल करता है। इस श्रेणी में भारत उप-क्षेत्र में अगुआ के तौर पर उभरा है। ई-गवर्नमेंट इंडेक्स और ई-पार्टिसिपेशन सब-इंडेक्स में डेनमार्क पूरी दुनिया में सबसे आगे है। 

भारत ने ऑनलाइन सेवाओं के सब इंडेक्स में 0.9514 का स्कोर किया है। हालांकि टेलीकम्युनिकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स में उसे 0.20091 का ही स्कोर मिला है। ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स में भारत विश्व के औसत 0.6627 से काफी पीछे है। भारत का इस इंडेक्स में स्कोर 0.5484 है। 

हालांकि 22 अंकों की छलांग लगाकर संयुक्त राष्ट्र के ई-गवर्नमेंट इंडेक्स में शीर्ष सौ में आना मोदी सरकार के बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि पीएम मोदी डिजिटल इंडिया को लेकर काफी मुखर रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर में भारत को कारोबार सुगमता सूची में जो मजबूती मिली उसने विश्व मंच पर भारत की साख को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद ही रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 14 साल बाद भारत की रेटिंग बीएए3 से बढ़ाकर बीएए2 कर दी थी।