जापान के ओसाका में चल रही जी 20 की बैठक में भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय ताकत की झलक एक बार फिर दिखी। दरअसल पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की पहचान तीसरी दुनिया के देश के बढ़कर विश्व राजनीति को प्रभावित करने वाले देश की बन चुकी है। ऐसे में पीएम नरेन्द्र मोदी दुनिया के सबसे प्रभावशाली माने जाने वाले अमेरिका, रुस और जापान के राष्ट्रध्यक्षों के आकर्षण का केन्द्र बने दिखे।
ओसाका: एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। जापान के ओसाका में हुई जी 20 की बैठक में जब पीएम मोदी ने स्थान ग्रहण किया तो उनके बगल में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रुस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे मौजूद थे।
ट्रंप और आबे लगातार पीएम मोदी से विचार विमर्श करते हुए भी दिखे। बीच बीच में पुतिन भी गौर से हमारे पीएम मोदी की बातें सुन रहे थे।
यह नजारा गवाह था कि किस तरह भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी गौरवपूर्ण स्थिति को प्राप्त कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ त्रिपक्षीय बैठक भी की। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पहुंच, बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार और अन्य मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। जी 20 की बैठक में पीएम मोदी के इर्द-गिर्द दुनिया की सभी महाशक्तियां मंडराती हुई दिखीं।
पीएम मोदी जब जी-20 बैठक के लिए अपनी सीट पर आए तो जो फोटो खींची गई उसमें उनकी बगल में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बैठे हुए दिखे। इसके अलावा अन्य कई देखों के राष्ट्राध्यक्ष भी पीएम मोदी के आस-पास दिख रहे थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव 2019 दूसरी बार मिली ऐतिहासिक जीत के बाद पीएम मोदी का कद वैश्विक बिरादरी के सामने और बढ़ गया है। जी 20 बैठक में लगभग सभी ताकतवर देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पीएम मोदी फिर से चुनकर आने के लिए बधाई दी है। वहां मौजूद नेताओं के बीच पीएम मोदी से मुलाकात और उनसे बातचीत करने के लिए भी बेहद आतुरता दिखी।
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के बीच पीएम मोदी की लोकप्रियता इस बात से भी दिखी कि सम्मेलन में मौजूद लगभग सभी देश उनके साथ द्विपक्षीय वार्ता करना चाहते थे। इसके लिए कई देशों के प्रतिनिधियों ने पीएम मोदी से अनुरोध भी किया। लेकिन समय कम होने की वजह से भारतीय पक्ष ने कई देशों का आग्रह स्वीकार नहीं किया। हालांकि द्विपक्षीय वार्ता करने के इच्छुक देशों के साथ औपचारिक बैठक की जा सकती है।
ओसाका में अपना संबोधन देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सामाजिक कल्याण में डिजिटल तकनीक के अधिकतम इस्तेमाल के अपनी '5 आई' की अवधारणा सबके सामने रखी। ये '5 आई' हैं इंक्लूसिवनेस (समग्रता), इंडिजिनाइजेशन (भारतीयकरण), इनोवेशन (नवाचार), इंवेस्टमेंट इन इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचे में निवेश) और इंटरनेशनल को-ऑपरेशन (अंतरराष्ट्रीय सहयोग)। प्रधानमंत्री सम्मेलन में 'टेक्नोलॉजी इनोवेशन' के सत्र को संबोधित कर रहे थे।
मोदी ने कहा कि 'भारत में हमने तकनीक के फायदों को सामान्य लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया है। यह बदलाव क्रांतिकारी रहा है। वित्तीय भागीदारी के लिए हमने 12 करोड़ लोगों तक पहुंचने में जन धन योजना और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिये तकनीक का इस्तेमाल किया।' जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
Last Updated Jun 29, 2019, 8:35 AM IST