केंद्र सरकार ने चीन से आयात होने वाले दुग्ध उत्पादों के आयात पर लगी रोक को अगले साल अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने खाद्य उत्पादों में मेलामाइन नाम के रसायन मिलने के बाद करीब दस साल पहले चीन में बने दुग्ध उत्पादों के आयात करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

पिछले कुछ सालों में चीन से आयातित होने वाले उत्पादों की संख्या में खासी बढ़ोत्तरी हुई है। इसमें खाद्य उत्पाद भी शामिल हैं। असल में चीन में बने खाद्य उत्पादों में कुछ खतरनाक रसायन मिले थे। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके कारण केन्द्र सरकार ने कई दुग्ध खाद्य उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। लिहाजा अब इसी प्रतिबंध को केन्द्र सरकार ने 23 अप्रैल 2019 तक बढ़ा दिया है।

वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी के आदेश के मुताबिक चीन से दूध और दूध से बने चॉकलेट आदि जैसे खाने-पीने के उत्पादों पर आयात प्रतिबंध की समय-सीमा और चार माह बढ़ाकर 23 अप्रैल 2019 कर दिया गया है। जिन उत्पादों पर यह समय-सीमा बढ़ाई गई है उनमें दूध, दूध से बने उत्पाद- चॉकलेट, चॉकलेट प्रोडक्ट्स, कैंडी, कन्फेक्शनरी फूड शामिल हैं। 
केन्द्र सरकार ने चीन से दूध की कुछ खेप में मेलामाइन की मौजूदगी की पुष्टि के बाद सबसे पहले सितंबर 2008 को प्रतिबंध लगाया गया था। तब से प्रतिबंध लगातार बढ़ाया जाता रहा है।

पिछले प्रतिबंध की अवधि रविवार को खत्म हो गई थी। मेलामाइन एक जहरीला रसायन है। यह प्लास्टिक, उर्वरक बनाने में इस्तेमाल होता है। भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। देश में हर साल लगभग 15 करोड़ टन उत्पादन होता है। इसमें यूपी पहले राजस्थान दूसरे और गुजरात तीसरे नंबर पर है। डीजीएफटी के महानिदेशक की तरफ से जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। हालांकि भारत चीन से दूध से बनी वस्तुओं का आयात नहीं करता है, पर यह रोक ऐहतियात के तौर पर लगाई गई है।