India Canada Relation: खालिस्तानियों के पनाहगार कनाडा और भारत के बीच तल्खी बढ़ गई है। बीते दिन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में खड़े होकर यह बयान दिया था की खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है।‌ इसके बाद से दोनों देशों के बीच गर्मागर्मी देखने को मिल रही है। ऐसे में एक सवाल यह भी है कि अगर दोनों देशों के रिश्ते और ज्यादा बिगड़ते हैं तो किसको नुकसान होगा और किसको फायदा?

कैसे हैं भारत और कनाडा के व्यापारिक संबंध ?

कनाडा और भारत के बीच व्यापार लगभग एक समान है। ऐसे में विवाद का असर दोनों देशों  के व्यापार पर नहीं बल्कि कनाडा में रहने वाली बड़ी भारतीय जनसंख्या को पड़ेगा। दरअसल कनाडा में पंजाबियों की संख्या अच्छी खासी है और हर साल हजारों भारतीय छात्र हायर एजुकेशन के लिए कनाडा का रूख करते हैं और वहां के वर्कफोर्स का भी अहम हिस्सा हैष भारतीय केवल कनाडा में नौकरी नहीं करते बल्कि बिजनेस कम्युनिटी में भी उनका अच्छा खासा हिस्सा है। 

क्या कहते हैं दोनों देशों के बीच व्यापार के आंकड़े?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल 2000 से लेकर मार्च 2023 तक लगभग 3306 मिलियन डॉलर के कुल निवेश के साथ कनाडा भारत में 18वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। कनाडा के ग्लोबल ट्रेड  में भारत का 2% हिस्सा है। ‌ बीते साल 2022 में भारत कनाडा का नया सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में दोनों देशों के बीच लगभग 7 अरब डॉलर का व्यापार हुआ वहीं 2022 और 23 के शुरुआती 6 महीना में यह आंकड़ा 8.6 अरब डालर तक पहुंच चुका है। भारत में 600 कनाडा कंपनियां कम कर रही हैं और 1000 से ज्यादा कनाडाई कंपनियां  भारतीय बाजार में अपना कारोबार कर रही हैं।

भारत कनाडा को क्या-क्या एक्सपोर्ट करता है?

भारत कनाडा को हीरे जवारत, बहुमूल्य रत्न, ऑटो पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं दवाइयां और इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स जैसे विमान उपकरण आदि एक्सपोर्ट करता है। इसके अलावा भारत और कनाडा के बीच व्यापार आसान होने की वजह से भारत ने कनाडा में बड़ा निवेश किया है। अगर दोनों देशों के संबंध लगातार बिगड़ते हैं। तो इसका असर नौकरी धंधे पर भी होगाष बता दें, भारत कनाडा से कृषि और बागबानी से जुड़े उत्पादों को खरीदता है।

कनाडा से क्या खरीदता है भारत?

भारत कनाडा से दाल, कोयला, अल्युमिनियम लकड़ी पोटाश जैसी चीज खरीदता है। इसके अलावा भारत कनाडा के सबसे बड़े दाल आयतकों को में से एक है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच खराब हुए संबंधों का असर व्यापार और निवेश पर नहीं पड़ेगा क्योंकि आर्थिक संबंध व्यावसायिक विचारों से प्रेरित हैं और यह दोनों देशों को प्रभावित करेगा।

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