मध्य प्रदेश के सागर में नाबालिग के साथ हुए रेप के मामले में अदालत ने मात्र 46 दिन में आरोपी को दोषी करार दिया। अदालत ने 46 दिन चले ट्रायल के बाद ही आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे फांसी की सज़ा सुनाई है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने पॉक्सो एक्ट की धारा 3, 4 और 5 के साथ आईपीसी की धारा 376(A, B) और 366 के तहत मौत की सज़ा सुनाई।

पॉक्सो एक्ट में हुए संशोधन के बाद यह पहला मामला है जिसमें आरोपी के खिलाफ इतनी जल्दी फैसला हुआ है। इतना ही नहीं पॉक्सो एक्ट में हुए संशोधन के बाद पहली बार रेप के दोषी को फांसी सज़ा हुई है।

घटना 21 मई की है जब अपने रिश्तेदार के घर जा रही 9 साल की बच्ची का 40 साल के एक व्यक्ति ने मंदिर में रेप किया था। पीड़ित बच्ची को आरोपी ने लालच देकर उसे अपने पास बुलाया और उसके साथ रेप कर फरार हो गया। भागते समय बच्ची के रिश्तेदारों ने उसे पहचान लिया था।

पीड़िता के परिवार की शिकायत पर पुलिस ने नारायण पटेल नाम के आरोपी को घटना के दूसरे ही दिन गिरफ्तार कर लिया था।

शिवराज सिंह चौहान ने अदालत और पुलिस को दी बधाई

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फैसला आने के बाद अदालत और पुलिस को बधाई दी है। उन्होंने ने कहा कि 'मेरा हमेशा से मानना रहा है कि ऐसे लोगों के लिए सभ्य समाज में कोई जगह नहीं है, त्वरित जाँच पूरी करके 46 दिनों में सज़ा दिलाने के लिए पुलिस दल का आभार।