नई दिल्ली। पाकिस्तान को प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी क भारत सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर की गई टिप्पणी पर कड़ा जवाब दिया है। भारत सरकार ने पाकिस्तान से कहा कि वह अपने देश के अल्पसंख्यकों के हालत पर ध्यान दें। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक पीएम को भारत के मामलों में हस्तक्षेप करने के बजाए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।

हालांकि विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को इमरान खान के बयान पर कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। हालांकि भारत सरकार ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि पाकिस्तान को अपने देश के अल्पसंख्यकों पर ध्यान देना चाहिए। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने नागरिकता संशोधन बिल के पारित हो जाने के बाद कहा था कि भारत सरकार संघ के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। जिसके बाद कई राजनैतिक दलों ने पाकिस्तान के पीएम के इस बयान का विरोध किया था और कहा था कि उन्हें भारत के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।

इमरान खान ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए केन्द्र की मोदी सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को निशाना बनाया था। हालांकि इमरान खान ने कहा था कि ये संशोधन देश की आजादी के वक्त दोनों देशों के बीच हुए समझौते का खिलाफ है। हालांकि इससे पहले संसद में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह साफ कर चुके थे कि जब देश आजाद हुआ था उस वक्त ये समझौता हुआ था कि वहां की सरकारें अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन नहीं करेंगी। लेकिन पाकिस्तान में लगातार गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं।

अमित शाह ने देश की आजादी के वक्त के अल्पसंख्यकों की आबादी और आज की आबादी के आंकड़े भी संसद में पेश किए। गौरतलब है कि पाकिस्तान में लगातार गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि मुस्लिम अल्पसंख्यक शिया मुस्लिम और अहमदिया मुस्लिमों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। हालांकि हिंदू, ईसाई और  सिखों पर वहां इमरान खान की सरकार आने के बाद अत्याचार बढ़े हैं। वहां पर गैर मुस्लिम लड़कियों का अपहरण कर उनका धर्मांतरण लगातार किया जा रहा है।