नई दिल्ली। एक इंडिगो पायलट ने हवाई सफर के दौरान साथ में यात्रा कर रही अपनी मां-दादी और दादा का परिचय हवाई जहाज से एनाउंस करके कराया। इसका वीडियो वायरल होने पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई लोगों ने हवाई सफर के दौरान इस तरह की हरकत को अनुचित करार दिया तो कईयों ने परिवार के प्रति मोह और समर्पण को देखकर पायलट की प्रशंसा भी की है। 

पायलट प्रमोद कृष्णन ने अपनी कैप्टेंसी में कराया मां और दादा-दादी को हवाई सफर
इंडिगो के पायलट कैप्टन प्रदीप कृष्णन ने हाल ही में अपनी मां और दादा-दादी को चेन्नई से कोयंबटूर के लिए हवाई जहाज से लेकर उड़े। इस दौरान रास्ते में उन्होंने इस दौरान अन्य यात्रियों से अपने परिवार का परिचय बाकायदा एनाउंस करके कराया। जो कई लोगों को अच्छा लगा तो कईयों को नागवार भी गुजरा। वीडियो में कैप्टन प्रमोद कृष्णन कह रहे हैं कि मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि आज मेरा परिवार मेरे साथ हवाई यात्रा कर रहा है। पायलट ने तमिल भाषा में बताया कि उनकी मां, दादा-दादी 29वें नंबर की पंक्ति में बैठे हैँ। 

पोते के साथ दादा ने की पहली बार हवाई यात्रा 
कैप्टन ने कहा कि उनके दादा पहली बार उनके साथ हवाई यात्रा कर रहे हैं। वीडियो को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि अपने परिवार और दोस्तों को हवाई सफर कराना हर पायलट का सपना होता है। मूल पोस्ट ने कुछ दिलों को छू लिया, लेकिन X पर इसने एक नई बहस छेड़ दी। एक यूजर ने लिखा कि इसे रोकें, गौरवान्वित ड्राइवर। यह भावना तेजी से फैल गई, कई अन्य लोगों ने पीए की घोषणा पर नाराजगी व्यक्त की।

 

सोशल मीडिया पर प्रशंसा के साथ हो रही आलोचना 
एक यूजर ने लिखा कि हम बस में यात्रा करते समय ड्राइवरों को अपने परिवार के सदस्यों का परिचय देते हुए नहीं देखते हैं, वह बस चलाता है, तो फिर पायलट हर समय यह नाटक क्यों करते हैं? दोनों में यात्री यात्रा करते हैं। कुछ लोगों ने तर्क दिया कि पायलट बनना कोई साधारण उपलब्धि नहीं है। इसमें कठोर प्रशिक्षण शामिल है। जब बातचीत में पूर्वाग्रह से ग्रसित एक वर्ग शामिल हो गया तो चीजों में अप्रत्याशित मोड़ आ गया। 

मां-दादी ने 7 साल पहले खाई थी कसम, जो अब जाकर हुई पूरी
इंडिगो पायलटों को एयरलाइन के कैडेट पायलट कार्यक्रम के हिस्से के रूप में दो चरणों के प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है। जिसमें 4 महीने का ग्राउंड स्कूल चरण और 15 दिनों का छात्र उड़ान प्रशिक्षण लाइसेंस शामिल है। इसके बाद एक उड़ान प्रशिक्षक की देखरेख में उड़ान प्रशिक्षण शुरू होता है। कृष्णन ने दक्षिण अफ्रीका में उड़ान सीखी है। वह 2018 में एक वाणिज्यिक पायलट बन गए। उनकी मां और दादी ने कसम खाई थी कि जब तक वह विमान के वह कैप्टन नहीं बनेंगे तब तक वह लोग हवाई सफर नहीं करेंगी। उनकी इस कसम को पूरा होने में 6-7 साल लग गए। 

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