नई दिल्ली। देश में सोने की कीमतों में उतार चढ़ान लगातार जारी है और सोने के दाम में तेजी दर्ज की गई है। हालांकि अभी भी सोने की कीमत आम लोगों के हाथ में है। लिहाजा आम लोग सोने में निवेश कर रहे हैं।  शुक्रवार को ही सोने की कीमत में 268 रुपये और और चांदी की कीमत में 1623 रुपये की तेजी देखने को मिली है। 

फिलहाल कोरोना संकटकाल में सोना काफी चमका है। जबकि देश में आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसके बावजूद लोग सोने में निवेश कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि दिल्ली में शुक्रवार को सोने की कीमत में 268 रुपये और चांदी की कीमत में 1623 रुपये की तेजी देखने को मिली है।  जबकि एक दिन पहले ही सोने की कीमत में दबाव देखने को मिला था। इसके अलावा फ्यूचर मार्केट में दिसंबर डिलिवरी वाला सोना 1870 डॉलर प्रति आउंस के स्तर तक फिसल गया था। शुक्रवार को ही सोना 50812 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर बंद हुआ और जबकि गुरुवार को यह 50544 के स्तर पर बंद हुआ था। यानी पिछले दो दिनों में सोने के भाव में गिरावट देखने को मिली थी। वहीं चांदी में 1623 रुपये की तेजी देखने को मिली है और ये 60700 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई। जबकि गुरुवार को यह 59077 प्रति किलोग्राम के स्तर पर बंद हुई थी।

असल में असोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया का मानना है कि देश में निवेशक सोने में निवेश कर रहे हैं और गोल्ड ईटीएफ में दूसरी तिमाही में बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है। गोल्ड ईटीएफ में इस तिमाही में 2400 करोड़ का निवेश हुआ है जबकि इस साल अब तक 5,957 करोड़ का निवेश किया है।  सबसे ज्यादा निवेश कोरोनासंकट काल में ही हुआ है। जानकारों का कहना है कि इकॉनमी में अनिश्चितता को देखते हुएसोने में निवेश काफी तेजी से बढ़ रहा है। क्योंकि पीली धातु अभी भी निवेशकों की पहली पसंद है। क्योंकि अगर सालाना औसत देखे तो देश में सोने की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। हालांकि बाजार के जानकारों का कहना है कि सोने की मांग में यह गिरावट जारी है  और उसके बावजूद सोने की कीमतों में  की नहीं आ रही है। देश मे सोने की मांग बीते 25 साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच सकती है। अभी तक देश में सोने की मांग केवल 252 टन तक है जबकि पिछले साल यह 496 टन की थी।