पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह के बीच चल रही निर्णायक लड़ाई जल्द ही निर्णायक मोड़ में पहुंच सकती है। कैप्टन ने कांग्रेस आलाकमान भी अल्टीमेटम दे दिया है। कैप्टन ने साफ कर दिया है कि सिद्धू अपना नया विभाग संभालें या फिर इस्तीफा दें। असल में बिजली विभाग का मंत्री बनाए जाने के 19 दिन के बाद भी सिद्धू ने कार्य भार नहीं संभाला है। जबकि राज्य में अभी धान की रोपाई चल रही है और बिजली की समस्या है।
 
फिलहाल कैप्टन के इस रूख से नवजोत सिद्धू की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो  गयी हैं। कैप्टन ने सिद्धू को कड़े फैसले के संकेत दिए हैं। असल में कुछ दिनों पहले कैप्टन ने सिद्धू का विभाग बदल दिया था। हालांकि उस दिन सिद्धू कैबिनेट की बैठक में भी नहीं पहुंचे थे। विभाग बदलने से नाराज सिद्धू ने अपने नए विभाग का दायित्य नहीं संभाला है।

जिसके कारण कई योजनाओं को लागू नहीं किया जा रहा है। यही नहीं कैप्टन ने राज्य में आठ समितियों का गठन किया था। जिसमें सिद्धू को शामिल नहीं किया गया है। इस बात को लेकर भी सिद्धू नाराज हैं। पिछले दिनों सिद्धू ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। लेकिन इस मुलाकात का कोई असर कैप्टन पर पड़ता नहीं दिख रहा है।

अब कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच राजनैतिक खींचतान निर्णायक दौर में पहुंच गई है। फिलहाल अब कैप्‍टन सिद्धू पर सीधे एक्‍शन के मूड में आ गए हैं। कैप्‍टन ने कांग्रेस आलाकमान को अल्‍टीमेटम दिया है कि सिद्धू का रवैया बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। कैप्टन ने आलाकमान से साफ कह दिया है कि सिद्धू अपना नया विभाग संभालें नहीं तो वह किसी अन्य को इस विभाग का मंत्री बनाएंगे।

असल में पंजाब के मामले में भी कांग्रेस आलाकमान दखल नहीं देता है। उधर विजिलेंस जांच के बाद सिद्ध की मुश्किलें सीधे तौर पर बढ़ गयी हैं। क्योंकि ये जांचें उनके पूर्व विभाग की हो रही हैं। इसमें सीधे तौर पर उनकी ओएसडी की जांच चल रही है। गौरतलब है कि विभागों में बदलाव के 19 दिन बाद भी सिद्धू ने बिजली मंत्री का कार्यभार नहीं संभाला है। राज्य में धान की रोपाई का सीजन जोरों पर चल रहा है और बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बिजली महकमे में मंत्री का होना जरूरी है जबकि सिद्धू विभाग से दूरी बनाए हुए हैं।