नई दिल्ली।  मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर अभी खतरा कम नहीं हुआ है। जहां कांग्रेस  इस बात का दावा कर रही है कि उसकी सरकार को किसी तरह का खतरा नहीं है।  वहीं भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के बीस विधायक उसके संपर्क है। वहीं निर्दलीय विधायक ने ये कहकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं उनके विकल्प खुले हैं।

फिलहाल राज्य में सियासी उठापटक जारी है। भाजपा और कांग्रेस के बीच शह मात का खेल शुरू हो गया है। कांग्रेस का दावा है कि राज्य में भाजपा ने कर्नाटक की तर्ज पर ऑपरेशन लोटस शुरू कर दिया है। हालांकि भाजपा का कहना है कि उसने किसी भी तरह का ऑपरेशन शुरू नहीं किया है। कांग्रेस सरकार अपने कर्मों के कारण ही गिर जाएगी। क्योंकि पिछले एक साल में राज्य की जनता त्रस्त हो चुकी है और कमलनाथ सरकार में कांग्रेस विधायक काम नहीं कर पा रहे हैं।

राज्य में केवल कमलनाथ ही सरकार चला रहा है और विधायक अपने क्षेत्रों में काम नहीं पा रहे हैं। जिसके कारण वह दबाव में हैं। वहीं कमलनाथ ने कहा कि भाजपा पिछले एक साल से राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है। जबकि राज्य सरकार के पास पूर्ण बहुमत है।  उधर राज्य सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल कहना है कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार गिरती है तो उनके पास विकल्प खुले हैं।

उनका कहना है कि उन्होंने कमलनाथ सरकार को समर्थन दिया है कांग्रेस को नहीं। बहरहाल राज्यसभा चुनाव से पहले राज्य का सियासी माहौल गर्मा गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने कल ही दावा किया था कि भाजपा ने उसके विधायकों को बंधक बना लिया है। हालांकि कांग्रेस के चार विधायक बाद में वापस लौट आए थे। हालांकि बाद में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चार कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक भेज दिया गया है।