अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो आज से भारत के सरकारी दौरे पर हैं। वह तीन दिन तक भारत में रहेंगे। आज उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मुलाकात की। ऐसा माना जा रहा है कि उनके इस दौरे में कई विवादित मुद्दों पर बातचीत होगी और सहमति बनेगी। इसमें एक मुद्दा ईरान से तेल का आयात भी है। पोम्पियो का ये दौरा काफी अहम है क्योंकि ईरान और अमेरिका में तनाव तेजी से बढ़ा है और दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति है। अपनी रणनीति के तहत अमेरिका ईरान के खिलाफ वैश्विक गठबंधन की दिशा में कार्य कर रहा है।

बहरहाल ये सवाल उठने इसलिए भी जाहिर हैं क्योंकि भारत की यात्रा से पहले पोम्पियो ने सऊदी अरब का दौरा किया था। सऊदी अरब और ईरान के बीच रिश्ते जगजाहिर हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री सोमवार को एक दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे थे। क्योंकि इससे पहले ही ईरान ने अमेरिका का  ड्रोन गिराया था और इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और गहरा गए।

लिहाजा दोनों देशों के तनाव के बीच अमेरिकी मंत्री का सऊदी अरब का यह दौरा अहम माना जा रहा था। पोम्पियों ने वहां पर सऊदी के किंग सलमान से मुलाकात की। किंग सलमान को वहां सत्ता का केन्द्र माना जाता है। अपने अरब के दौरे के दौरान पोम्पियो ने अरब और यूएई की जमकर तारीफ की थी। इसके बाद अब पोम्पियो भारत के दौरे पर हैं।

क्योंकि हाल में अमेरिका ने ईरान पर और आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। भारत अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे ज्यादा तेल ईरान से आयात करता है। यही नहीं अन्य देशों की तुलना में ईरान भारत को तेल उधार में देता है जबकि अन्य देश भारत से कैश में कारोबार करते हैं। हालांकि पिछले दिनों भारत सरकार ने साफ कर दिया था कि वह अपनी जरूरतों को देखते हुए ईरान से तेल खरीदेगा।

लिहाजा माना जा रहा है कि आर्थिक तौर पर ईरान को नुकसान पहुंचाने के लिए अमेरिका भारत को तेल खरीदने के लिए अन्य विकल्प दे सकता है। पोम्पियो अपनी इस यात्रा के बाद कोरिया समेत अन्य कई देशों की यात्रा पर जाने वाले हैं। ताकि ईरान के खिलाफ गठबंधन बनाया जा सके।