मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि राज्य में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद उन्होंने राहुल गांधी से अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया है। कल ही राहुल गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए जिम्मेदारी के समझते हुए किसी भी प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया।

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि मैंने मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाते अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कांग्रेस अध्यक्ष से की थी। जबकि उन्होंने इसके लिए मना कर दिया है। गुरुवार को ही राहुल गांधी ने कहा था कि किसी भी प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए जिम्मेदारी नहीं ली थी। लिहाजा वह इसकी जिम्मेदारी ले रहे हैं।

कमलनाथ का यह बयान राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद आया है। कमलनाथ ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में मिली हार के लिए मैने जिम्मेदारी ली है। हालांकि मैं नहीं जानता की हार के लिए कौन जिम्मेदार है। लेकिन मैंने ईमानदारी के साथ इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि वह किसी अन्य नेता की बात नहीं कर सकते हैं। लेकिन हार की जिम्मेदारी मैं लेता हूं।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मध्य प्रदेश की 28 सीटों में हार गयी थी और वह एक मात्र सीट जीतने में कामयाब रही। कांग्रेस का राज्य में सबसे खराब प्रदर्शन था। जबकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है। उसके बावजूद पार्टी का इतना खराब प्रदर्शन हुआ। कमलनाथ मुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। हालांकि कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि अपने पुत्रों को जीतने के लिए नेताओं ने राज्य की अन्य सीटों पर ध्यान नहीं दिया। राज्य में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा से लोकसभा का चुनाव लड़े थे और जीतने में कामयाब रहे।