दिल्ली और यूपी में खतरनाक आतंकवादी संगठन आईएस से जुड़े हुए हरकत-उल-हर्ब-इस्लाम का भंडाफोड़ हुआ है। इन संगठनों के सोलह ठिकानों पर छापेमारी की गई। जिसमें पूर्वी दिल्ली का जाफराबाद तथा न्यू सीलमपुर और यूपी में लखनऊ, अमरोहा का सैदपुर इम्मा, मेरठ का किठौर, हापुड़ का बक्सर गांव शामिल है।

एनआईए के आईजी आलोक मित्तल ने प्रेस कांफ्रेन्स करके पूरे आतंकवादी मॉड्यूल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इनका सरगना मुफ्ती सोहैल था, जो दिल्ली की एक मस्जिद से सारे मॉड्यूल को ऑपरेट करता था। सोहैल मूल रूप से यूपी के अमरोहा का रहने वाला था। 

एनआई को छापेमारी में लगभग साढ़े सात लाख कैश और कंट्री मेड रॉकेट लॉन्चर भी मिला है। इसके अलावा 12 पिस्तौलें और 150 राउंड गोलियां बरामद की गई हैं। 

इन आतंकियों ने बम बनाने के लिए लगभग 25 किलो विस्फोटक जमा किए थे। इन लोगों के पास से पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर, शुगर पेस्ट, रिमोट कंट्रोल कार के स्विच और 51 पाइप मिले हैं। इनकी पाइप बम बनाने की इनकी योजना थी। इसके अलावा इनके पास से तीन लैपटॉप, चाकू, डोरबेल का स्विच, स्टील के कंटेनर, बिजली के तार भी मिले हैं। 

एनआईए के आईजी मित्तल ने जानकारी दी कि इन आतंकियों के निशाने पर महत्वपूर्ण इमारतें, कुछ सिक्योरिटी से जुड़े इंस्टालेशन और देश के भीड़-भाड़ वाले इलाके थे।
इस आतंकी मॉड्यूल का एक आदमी लखनऊ में था। इन लोगों ने घर का सोना चोरी करके बेचा। इसी से बम बनाने का सामान खरीदा गया। 

यह लोग गणतंत्र दिवस से पहले धमाका करने की तैयारी में थे। इन लोगों के पास से आईएस का बैनर भी बरामद किया गया है।  
एनआईए जल्द ही इन आतंकियों को रिमांड पर लेकर उनसे विस्तार से पूछताछ करेगी औऱ उनसे ज्यादा से ज्यादा जानकारी निकालने की कोशिश करेगी। 
इन आतंकवादियों के पास से 7.5 लाख रुपए, 91 मोबाइल फोन, 134 सिमकार्ड्स, 3 लैपटॉप और मेमोरी कार्ड्स जब्त किए गए हैं। दिल्ली के जाफराबाद से 7 पिस्टल और तलवारें जब्त की गईं। 16 संदिग्धों से पूछताछ के बाद 10 को गिरफ्तार कर लिया गया। 

इसके अलावा 112 अलार्म घड़ियां भी बरामद की गई हैं। शक है कि इनका इस्तेमाल टाइमर युक्त पाइप बम बनाने में किया जाने वाला था। 

दिल्ली से पांच संदिग्ध गिरफ्तार किए गए हैं।  यूपी के अमरोहा से भी पांच संदिग्ध गिरफ्तार किए गए हैं। 
मेरठ के किठौर से एक गिरफ्तारी हुई है, जबकि चार संदिग्ध हिरासत में लिए गए हैं।

मेरठ में कुछ ऐसे पड़ा छापा-

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यह सभी आईएस की आतंकवादी विचारधारा से प्रभावित थे। इन लोगों का हैंडलर कोई विदेशी शख्स है। यह सभी आतंकी आपस में बातचीत करने के लिए व्हाट्सएप और टेलीग्राम का इस्तेमाल करते थे।
यह सभी संदिग्ध अलग अलग बैकग्राउंड से आते हैं। इनमें सिविल इंजीनियर से लेकर वेल्डिंग वर्कशॉप में काम करने वाले भी शामिल हैं। आईए देखते हैं इनका परिचय- 

1.    मुफ्ती मोहम्मद सुहैल- अमरोहा में हाकिम माहताबउद्दीन हाशमी रोड पर स्थित मदरसे में मुफ्ती का काम करता था। फिलहाल वह दिल्ली के जाफराबाद में ह रहा था। इसकी भूमिका हथियारों, विस्फोटकों और पाइप बम बनाने वाले सामान की खरीदारी की थी। 
2.    अनस युनूस- यह नोएडा के एक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग कर रहा था। इसका जिम्मा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को चलाने और उन्हें जुटाने का था।
3.    राशिद जफर राक- यह कपड़े का व्यापार चलाता था।
4.    सईद- इसकी यूपी के अमरोहा में वेल्डिंग की दुकान थी। 
5.    रईस अहमद- यह सईद का भाई है। इसकी भी अमरोहा के इस्लामनगर में वेल्डिंग की दुकान थी। रईस और सईद ने भारी मात्रा में विस्फोटकों की खरीद की। रईस ने ही आतंकी हमले में काम आने वाला रॉकेट लांचर तैयार कराया था। 
6.    जुबैर मलिक- यह दिल्ली विश्वविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष का छात्र था।
7.    जाएद मलिक- यह जुबैर का भाई है। जाएद और जुबैर दोनो भाई बैटरियां, कनेक्टर, सिम कार्ड की खरीदारी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करते थे। यह दोनों बम बनाने का सामान खरीदने के लिए फंड भी जुटाते थे।
8.    साकिब इफ्तेखार- हापुड़ के बक्सर में जामा मस्जिद में इमाम का काम करता था। यह सुहैल की हथियारों की खरीद में मदद करता था। 
9.    मोहम्मद इरशाद- यह एक ऑटो रिक्शा चालक है जो कि मास्टरमाइंड सुहैल की छिपने के स्थान तलाश करने और आईईडी तथा बम बनाने का सामान जुटाने में मदद करता था।
10.    मोहम्मद आजम- यह दिल्ली के सीलमपुर, शाहदरा इलाके में दवा की दुकान चलाता था और हथियार इकट्ठा करने का मास्टरमाइंड था। 

कुछ इस तरह से बम बनाने की ट्रेनिंग देते थे आतंकवादी- 

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