कश्मीर घाटी में आतंकी संगठनों द्वारा आम नागरिकों को सुरक्षा एजेंसियों का मुख़बिर होने के शक में निशाना बनाने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा।

बीती रात आतंकियो ने श्रीनगर के बबदाम इलाके में अब्दुल अहद गनई नाम के शख्स की प्वाइंट ब्लेंक रेंज से गोली मारकर हत्या कर दी। गनई हजरतबल के जकुर इलाके में काम करता था। इसी इलाके में कुछ दिन पहले आतंकियों ने आईएस के एक आतंकी को मौत के घाट उतार दिया था।

कुपवाड़ा के रहने वाले गनई को आतंकियों ने उस वक्त निशाना बनाया, जिस समय वह अपनी दिल्ली नंबर गाड़ी DL3C AY 6532 से जा रहा था। वह पिछले 10 साल से श्रीनगर में रह रहा था। हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद कुछ समय के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने उसे गिरफ्तार भी किया था।

यह भी पढ़े - आतंकवाद का नया ट्रेंडः पुलिसकर्मी और कश्मीरियों के अलावा एक-दूसरे को भी मार रहे आतंकी संगठन

                 अब एनकाउंटर के दौरान घटनास्थल पर नहीं जुट सकेंगे पत्थरबाज

                 कश्मीर में पांच साल में मारे गए आतंकियों का आंकड़ा आया सामने

आतंकी संगठन आईएस ने इस हत्या की ज़िम्मेवारी लेते हुए कहा है कि गनई भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए जासूसी करता था और उनकी खबरें  एजेंसियों तक पहुंचाता था। आईएस ने धमकी भरे खत में यह भी कहा है कि वह अन्य आतंकी संगठनों की तरह नहीं है, जो मात्र वीडियो बनाकर धमकाते हैं। हालांकि गनई के हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े होने का संदेह है। 

इससे पहले 8 सिंतबर को आतंकियों ने तीन लोगों को निशाना बनाया था, जिसमें एक आईएस का आतंकी भी था। आतंकियों ने आठ सितंबर की दोपहर में हुर्रियत के कार्यकर्ता हाकिम उल रहमान को सोपोर के बोमाई इलाके में निशाना बनाया था। अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। इसके बाद हिजबुल के संदिग्ध आतंकियों ने जाकिर मूसा के संगठन अंसार गजवत उल हिंद के आसिफ डार को श्रीनगर के हज़रतबल इलाके में भरी दोपहरी में मार गिराया था। मूसा के संगठन को  भारत में आईएस का चेहरा कहा जाता है। डार 2017 से घाटी में आईएस का आतंकी था। वहीं उसी दिन देर शाम आतंकियों ने ब्यूटी पार्लर चलाने वाली एक महिला सिमरन जान को निशाना बनाया था जिस पर उन्हें मुखबिर होने का शक था।