अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपी और कथित बिचौलिए  क्रिश्चियन मिशेल की विदेशी वकील रोजमैरी पात्रिजी उसका मुकदमा नहीं लड़ पाएंगी। सीबीआई की आपत्ति के बाद पटियाला हाउस अदालत ने रोजमैरी को मिशेल का केस लड़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल जज अरविंद कुमार ने मिशेल को और चार दिन के लिए सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान मिशेल की विदेशी वकील रोजमैरी ने उसका केस लड़ने की कोर्ट से अनुमति मांगी थी लेकिन सीबीआई ने इसका विरोध किया और कहा कि रोजमैरी को यहां केस लड़ने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। इसपर कोर्ट ने पूछा अगर रोजमैरी मिशेल का केस लड़ती हैं तो सीबीआई को क्या परेशानी है। सीबीआई ने कहा कि रोजमैरी ने मीडिया में कुछ इंटरव्यू दिए हैं जो उन्हें नहीं देने चाहिए थे, इसलिए रोजमैरी को पैरवी की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।

वहीं सीबीआई ने कोर्ट से मिशेल की 5 दिन की और रिमांड मांगी थी और कहा था कि मिशेल को पवन हंस के ऑफिस मुंबई ले जाना है। सीबीआई ने कहा कि इस मामले में कुछ और गवाहों के नाम सामने आए हैं जिनसे पूछताछ की जानी है। इतना ही नहीं, सीबीआई ने मिशेल की वकील की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं।

पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई की मांग पर कोर्ट ने मिशेल को  5 दिन की रिमांड पर भेज दिया था जो शनिवार को खत्म हो गई जिसके बाद मिशेल को पेश किया गया। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मिशेल से पूछताछ में सीबीआई को कुछ जानकारियां मिली हैं लेकिन उसे मिशेल से कुछ और जानकारी हासिल करने की जरूरत है। सीबीआई के मुताबिक, बिचौलिया मिशेल ने अभी तक कई जरूरी तथ्य नहीं बताए हैं।

सीबीआई ने कोर्ट को यह भी बताया कि इस मामले में मिशेल से पूछताछ में जो अहम जानकारी मिली है उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई पूछताछ में मिशेल उन नेताओं और नौकरशाहों के नाम उगल सकता है जिन्हें  3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के लिए कथित रूप से रिश्वत दी गई थी।

चार दिसंबर को अगस्ता-वेस्टलैंड मामले के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाया गया था। मिशेल के आने से कई सारे राज खुल सकते हैं। भारत की जांच एजेंसिया लंबे समय से उसे भारत लाने का प्रयास कर रही थी। यह ऑपरेशन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में चलाया गया था।