नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने बड़ा फैसला है। राज्य सरकार ने राज्य में दुष्कर्म मामलों में 21 दिनों के भीतर सुनवाई करने का फैसला किया है और इसके लिए कैबिनेट ने ड्राफ्ट बिल पास कर दिया है। पिछले दिनों हैदराबाद में हुए डाक्टर के गैंगरेप मामले के बाद जगन सरकार ने ये बड़ा फैसला किया है।

हैदराबाद में डाक्टर के साथ हुए गैंग और फिर मर्डर के बाद पूरे देश में उबाल है। केन्द्र से लेकर राज्य सरकारें इसके लिए कड़े कानून बनाने की वकालत कर रही है। हालांकि हैदराबाद के गैंग आरोप एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। देश की अदालतों के हजारों रेप के मामले अभी भी चल रहे हैं और दोषियों को सजा नहीं मिल पा रही है। क्योंकि फास्टट्रैक न होने के कारण दोषी जेल की सजा काट रहे हैं या फिर जेल से बाहर हैं।

लिहाजा इसके लिए आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने कड़ा कानून बनाने की वकालत की है। हालांकि जगन मोहन रेड्डी ने हैदराबाद में हुए गैंग आरोपियों के एनकाउंटर को सही बताते हुए कहा था कि जब फिल्मों में हीरो इस तरह की सजा दे सकता है तो पुलिस वाले इस तरह की सजा क्यों नहीं दे सकते हैं। लिहाजा उसी वक्त माना जा रहा था कि राज्य में जगन मोहन रेड्डी रेप के लिए जल्द ही कानून बनाएंगे।

आज मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस कानून को मंजूरी दी है। राज्य सरकार ने महिला सुरक्षा बिल के मसौदे को कैबिनेट में पेश किया और इसे मंजूरी दी गई। अब जल्द ही इसे विधानसभा में रखा जाएगा और उसके बाद इसे राज्यपाल की अनुमति के बाद कानून बनाया जाएगा। इस कानून के तहत रेप के मामलों में 21 दिन कार्यवाही पूरी हो जाएगी और उसके बाद दोषियों को सजा मिल सकेगी।