पिछले चार साल में  भारत में कोई बड़ा आतंकी हमला न कर पाने से पाकिस्तानी आतंकी संगठनों में छटपटाहट है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को कई ऐसे इनपुट मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में किसी बड़े आतंकी हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को प्रशिक्षण दे रही है। भारत की समुद्री संपत्ति को निशाना बनाया जा सकता है। इनमें कोई नौसेना ठिकाना, युद्धपोत अथवा समुद्र में मौजूद ईंधन प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं।

कई एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंसियां भारत में 26/11 जैसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम देना चाहती हैं। 26 नवंबर, 2008 में लश्कर-ए-तैय्यबा के बहुत ही ट्रेंड दस आतंकी समुद्री रास्ते से मुंबई में घुस गए थे और इन आतंकियों ने तीन दिन तक मुंबई में खूनी खेल खेला।

सूत्रों के अनुसार, 'खुफिया रिपोर्ट कहती है कि आईएसआई ने जैश के चुने हुए आतंकियों के एक दस्ते को तैयार किया है। ये सभी पाकिस्तानी हैं और उन्हें बहावलपुर में किसी जगह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन लोगों को खासतौर पर समुद्री हमलों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन सभी को गहरे पानी में गोताखोरी का भी अभ्यास कराया जा रहा है।'

ऐसा समझा जाता है कि पाकिस्तान के विशेष सैन्य बल स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) की नौसेना की इकाई को भी प्रशिक्षण देने के काम में लगाया गया है। भारत में मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है। इसे पाकिस्तान के सबसे कट्टर आतंकी संगठनों में से एक माना जाता है। जैश भारतीय ठिकानों पर हमले की नाकाम कोशिशें करता रहा है। 

दो साल पहले जैश ने भारत के वायुसेना ठिकाने को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की थी। पहली जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर जैश के चार से छह आतंकियों की टुकड़ी ने हमला किया, लेकिन कोई बड़ा नुकसान पहुंचाने से पहले ही राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और वायुसेना के गरुड़ कमांडो ने एक संयुक्त अभियान में उन्हें मार गिराया। यह अभियान तीन दिन चला था। (नई  दिल्ली से अजीत दुबे की रिपोर्ट)