Jayant Chaudhary Joins NDA: लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने तैयारी शुरू कर दी है वह बंपर जीत हासिल करने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती यही कारण है वह विपक्षी गठबंधन इंडिया से हमेशा एक कदम आगे रहती है पहले जहां बिहार में विपक्षी गठबंधन की नींव रखने वाले नीतीश कुमार एनडीए के साथ हो गए तो माही अब उत्तर प्रदेश में भी विपक्षी गठबंधन को बड़ा झटका लगा है पश्चिमी यूपी में अच्छा खासा प्रभाव रखने वाली जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी ने एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया है।

कार्यकर्ताओं-विधायकों से बात करके लिया फैसला- जयंत चौधरी

जयंत चौधरी ने एनडीए में शामिल होने की घोषणा पर कहा उन्होंने यह फैसला पार्टी के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद लिया है इसके पीछे कोई बहुत बड़ी प्लानिंग नहीं है हमने थोड़े समय में ही एनडीए के साथ जाने का फैसला किया उन्होंने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का भी जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने जब से इसका ऐलान किया है तब से हम सभी बेहद खुश हैं यह हमारे परिवार और डाल तक ही सीमित नहीं है देश के कोने-कोने तक रहने वाले जो किसान भाई है नौजवान है गरीब लोग हैं उन सभी के लिए हमारी पार्टी बराबर खड़ी हुई है।

उत्तर प्रदेश में अकेले पड़े अखिलेश यादव

बता दें, एनडीए में शामिल होने से पहले जयंत चौधरी अखिलेश यादव से हाथ मिला चुके थे यहां तक दोनों के बीच सीट बंटवारे की बात भी हो चुकी थी बातचीत के बाद अखिलेश यादव जयंत चौधरी को 7 सीट देने पर राजी हो गए थे लेकिन इससे पहले उन्हें केवल तीन सीट ही दी गई थी अब जयंत चौधरी का एनडीए में शामिल होना विपक्षी गठबंधन के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है। मायावती पहले ही अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है ऐसे में अब अखिलेश यादव की पार्टी सपा उत्तर प्रदेश में अकेले बची है उसके पास केवल कांग्रेस का साथ है जो उत्तर प्रदेश अपना जन आधार खो चुकी है।

पश्चिमी यूपी के लिए बीजेपी ने खेला मास्टर स्ट्रोक

गौरतलब है, बीजेपी इस बार मिशन 400 के पर का लक्ष्य लेकर चल रही है ऐसे में उसे सहयोगी दलों की जरूरत है।  पश्चिमी यूपी में लोकसभा की 27 सीटें हैं और जयंत चौधरी भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आते हैं और यह जाट किसान बाहुल्य इलाका माना जाता है। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी पश्चिमी यूपी में 27 में से 19 सीटों पर भगवान लहराने में कामयाब रही थी जबकि चार सीटें सपा और चार सीटें बसपा के खाते में गई थी वहीं आरएलडी शून्य थी ऐसे में देखना दिलचस्प होगा एनडीए के साथ आने के बाद आरएलडी को कितना फायदा मिलता है।

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