Bihar Flore Test: बिहार की सियासत का पारा चढ़ा हुआ है। 12 फरवरी को नीतीश कुमार सदन में बहुमत साबित करेंगे हालांक स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के पद पर बने रहने से बीजेपी और जेडीयू दोनों की चिंता बढ़ी हुई है। वहीं दूसरी तरफ RJD भी आक्रामक दिखाई दे रही है। बता दें,सियासी खींचतान के बीच नीतीश कुमार  पटना में JDU नेता विजय चौधरी के आवास पर विधायक दल की बैठक में  शामिल हुए। बताया जा रहा है,इस बैठक में केवल 39 विधायक पहुंचे जबकि 6 गायब रहे ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म हैं। 

JDU को सता रहा टूट का डर

जानकारी के अनुसार बिहार की सियासी गलियारों में यह चर्चाएं भी तेज है कि जदयू को अपने विधायकों की टूट का डर सता रहा है सूत्रों की माने तो विधायकों को प्रलोभन देने की भी कोशिश की जा रही है हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है इसके बारे में कहां नहीं जा सकता वहीं नीतीश कुमार और पार्टी की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उनके विधायक पार्टी के साथ हैं।

तेजस्वी आवास पर राजद विधायकों का तांता

दूसरी तरफ तेजस्वी आवाज पर आरजेडी विधायकों को रोका गया है। फ्लोर टेस्ट से पहले राजद ने विधायकों को टूट से बचने के लिए तेजस्वी आवास में रखने का फैसला किया यहां पर उनके खाने-पीने से लेकर रहने का प्रबंध किया गया है इसके साथ ही उनके शतरंज खेलने और संगीत तक का भी प्रबंध है। बता दे तेजस्वी यादव की आवाज के बाहर कड़ी सुरक्षा है। फिलहाल फ्लोर टेस्ट को लेकर जीडीयू और आरजेडी दोनों अलग-अलग दावे कर रही हैं कौन क्या करता है यह तो कल पता ही लग जाएगा।

बिहार की सियासत में कौन मारेगा बाजी?

12 फरवरी को बिहार में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर देशभर की निगाहें चुकी है। बिहार विधानसभा में सदस्यों की संख्या 243 से जहां राजद के 79 विधायक हैं वहीं कांग्रेस के 19 और वाम दलों के विधायकों की संख्या 16 है। इस तरह देखी तो महा गठबंधन के पास कल विधायक 114 है वहीं दूसरी तरफ एनडीए के पास इनमें से बीजेपी 78 जदयू 45 हिंदुस्तानी आता मोर्चा सेकुलर के चार विधायक आते हैं। इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक भी है। इसकी कुल संख्या 128 है। बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है ऐसे में नीतीश कुमार के सामने कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर जीतन राम मांझी की पार्टी और निर्दलीय के साथ जदयू के विधायक पार्टी बदल लेते हैं तो बिहार में नया संकट खड़ा हो सकता है।

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